DRDO Chief Dr Samir V Kamat Service Extension || Image- TOI File
DRDO Chief Dr Samir V Kamat Service Extension: नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है। अब वह 31 मई, 2026 तक इस पद पर रहेंगे। यह उनका दूसरी बार सेवा विस्तार है। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है। डॉ. कामत रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (डीडीआरएंडडी) के सचिव भी हैं।
कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (DDR&D) के सचिव और रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत की सेवा में 01.06.2025 से 31.05.2026 तक या अगले आदेश तक(जो भी पहले हो) एक वर्ष की अवधि के लिए विस्तार को मंजूरी दे दी है।
(तस्वीर 2: फाइल… pic.twitter.com/vN2cRwA5iN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 26, 2025
डॉ. कामत को 25 अगस्त, 2022 को डीआरडीओ का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। वह आईआईटी खड़गपुर और अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने 1989 में डीआरडीओ में काम शुरू किया और इससे पहले नौसेना प्रणाली और सामग्री के महानिदेशक के रूप में भी कार्य किया।
DRDO Chief Dr Samir V Kamat Service Extension: एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक होने के साथ-साथ डॉ. कामत भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी (आईएनएई) और इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया (आईईआई) के फेलो भी हैं। उन्हें आईआईटी खड़गपुर का पूर्व छात्र पुरस्कार, इस्पात मंत्रालय का ‘मेटलर्जिस्ट ऑफ द ईयर’ और डीआरडीओ का ‘साइंटिस्ट ऑफ द ईयर’ पुरस्कार भी मिल चुका है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में 180 से अधिक शोध पत्र भी प्रकाशित किए हैं।
इससे पहले, 22 मई को डॉ. कामत ने नागपुर की ‘सोलर इंडस्ट्रीज’ कंपनी का दौरा किया था। यह कंपनी स्वदेशी रक्षा उत्पादन में अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने वहां बन रहे रक्षा उत्पादों की विनिर्माण प्रक्रिया की जानकारी ली। एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में निजी क्षेत्र की भूमिका बढ़ रही है।
DRDO Chief Dr Samir V Kamat Service Extension: डॉ. कामत ने कहा, “रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियां अब बड़ी भूमिका निभा रही हैं। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने और देश की सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना जरूरी है।” पाकिस्तान के साथ हुए हालिया संघर्ष का जिक्र करते हुए उन्होंने डीआरडीओ द्वारा बनाए गए हथियारों के प्रदर्शन पर संतोष जताया, जिनका इस्तेमाल ऑपरेशन के दौरान किया गया था।