Vikas Divyakirti Latest News: बिहार से पहले की तरह क्यों नहीं निकलते IAS और IPS?.. विकास दिव्यकीर्ति ने बताई जो वजह, वो बेहद चौंकाने वाली..

यूपीएससी सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा 2025 के परिणाम 11 नवंबर, 2025 को यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट (upsc.gov.in) पर घोषित किए गए थे, जिसमें व्यक्तित्व परीक्षण (साक्षात्कार) चरण के लिए उम्मीदवारों का चयन किया गया था। प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम जून 2025 में जारी किए गए थे, और अंतिम परिणाम साक्षात्कार प्रक्रिया समाप्त होने के बाद, संभवतः 2026 की शुरुआत में घोषित होने की उम्मीद है।

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  • Publish Date - December 25, 2025 / 11:59 AM IST,
    Updated On - December 25, 2025 / 12:40 PM IST

Vikas Divyakirti Latest News || Image- YouTube file

HIGHLIGHTS
  • IAS-IPS में बिहार का दबदबा क्यों घटा?
  • सामाजिक बदलाव को बताया मुख्य कारण
  • छात्रों का फोकस आज भी पढ़ाई पर

Vikas Divyakirti Latest News: नई दिल्ली: मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर और दृष्टि आईएएस के संस्थापक और एमडी डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने भारत में सिविल सेवाओं के मौजूदा स्थिति पर विस्तार से बाते की है।

छात्रों का प्राथमिक ध्यान पढ़ाई पर

Vikas Divyakirti Latest News: दृष्टि आईएएस के एमडी ने कहा, “लगभग वर्ष 2000 के आसपास, सेवानिवृत्त होने वाले आईएएस और आईपीएस अधिकारी अधिकतर केरल और तमिलनाडु से थे। इसका कारण यह था कि 1960 और 70 के दशक में एक बड़ा सामाजिक परिवर्तन हुआ था, और वहां के उच्च वर्गों को महत्वपूर्ण सामाजिक उथल-पुथल के बीच केंद्र सरकार की नौकरियां अधिक आकर्षक लगने लगीं। जब बिहार में ये सामाजिक आंदोलन हुए , तो सामाजिक उन्नति की इच्छा में काफी वृद्धि हुई और लोग सिविल सेवाओं में प्रवेश करने लगे। राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा में भी सिविल सेवाओं में शामिल होने का रुझान काफी बढ़ गया है। अब, चूंकि कई राज्यों में यह रुझान बढ़ गया है, इसलिए बिहार का पहले का दबदबा अब आंकड़ों में नहीं दिखता है।” दिव्याकीर्ति ने इस बदलाव का श्रेय सामाजिक उन्नति की बढ़ती इच्छा को दिया और इस बात पर जोर दिया कि छात्रों का प्राथमिक ध्यान पढ़ाई पर होता है।

उन्होंने आगे कहा, “यह संभव है कि बिहार के छात्र आज भी उतनी ही रुचि रखते हों, लेकिन पहले अन्य राज्यों में रुचि कम थी, जिसके कारण आंकड़े इतने असंतुलित दिखाई देते थे। अगर हम आज के वास्तविक आंकड़ों को देखें, तो ऐसा नहीं लगेगा।”

दिव्याकीर्ति ने आगे कहा कि दृष्टि आईएएस जैसे संस्थान, जो उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, परीक्षा श्रृंखला और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, वे छात्रों को प्रभावी ढंग से दिशा दे सकते हैं। आठ शहरों में अपनी मौजूदगी के साथ दृष्टि आईएएस का उद्देश्य छात्रों को उनके लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता करना है।

उन्होंने आगे कहा कि, “मेरा व्यक्तिगत मानना ​​है कि छात्रों की प्राथमिक रुचि पढ़ाई में होती है। यदि कोई संस्थान उन्हें सही ढंग से पढ़ा रहा है, परीक्षा श्रृंखला और अन्य आवश्यक चीजें उपलब्ध करा रहा है, और मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है, तो बच्चे आसानी से गुमराह नहीं होंगे। वे बुद्धिमान हैं, वे समझते हैं कि उनके लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा। हम न तो ऐसी राजनीति में शामिल होते हैं और न ही होना चाहते हैं। मुझे नहीं लगता कि अगर हम बच्चों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान कर दें, तो वे इस स्तर पर राजनीति में शामिल होंगे। हम पहले से ही सात शहरों में मौजूद हैं, अगर मुखर्जी नगर को भी शामिल कर लें, तो यह संख्या आठ हो जाती है।”

Vikas Divyakirti Latest News: बता दें की, यूपीएससी सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा 2025 के परिणाम 11 नवंबर, 2025 को यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट (upsc.gov.in) पर घोषित किए गए थे, जिसमें व्यक्तित्व परीक्षण (साक्षात्कार) चरण के लिए उम्मीदवारों का चयन किया गया था। प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम जून 2025 में जारी किए गए थे, और अंतिम परिणाम साक्षात्कार प्रक्रिया समाप्त होने के बाद, संभवतः 2026 की शुरुआत में घोषित होने की उम्मीद है।

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❓ बिहार से IAS-IPS पहले जैसे क्यों नहीं निकल रहे?

उत्तर: अन्य राज्यों में रुचि बढ़ने से आंकड़ों में बिहार का पुराना दबदबा अब कम दिखता है।

❓ विकास दिव्यकीर्ति ने इसका मुख्य कारण क्या बताया?

उत्तर: सामाजिक उन्नति की इच्छा और सिविल सेवाओं में पूरे देश से बढ़ी भागीदारी।

❓ क्या बिहार के छात्रों की तैयारी में कमी आई है?

उत्तर: नहीं, छात्रों की रुचि पढ़ाई में है, केवल प्रतिस्पर्धा अब राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी है।