दफ्तर नहीं लौटना चाहते 82 फीसदी कर्मचारी, ‘वर्क फ्रॉम होम’ में आ रहा मजा, स्टडी में दावा

रोजगार संबंधी वेबसाइट साइकी के ‘टेक टैलेंट आउटलुक’ रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के कारण पहले तो कर्मचारियों पर दूर रहकर दफ्तर का काम करने की व्यवस्था थोपी गई थी लेकिन अब दो साल बाद 'वर्क फ्रॉम होम' अब 'नया चलन' बन गया है

दफ्तर नहीं लौटना चाहते 82 फीसदी कर्मचारी, ‘वर्क फ्रॉम होम’ में आ रहा मजा, स्टडी में दावा

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:46 pm IST
Published Date: January 29, 2022 5:07 pm IST

मुंबई, 29 जनवरी ।  वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण कामकाजी जीवन में आए अभूतपूर्व परिवर्तनों के बीच एक अध्ययन बताता है कि अब लोग दफ्तर जाने के बजाए घर पर रहते हुए ही काम करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। रोजगार संबंधी वेबसाइट साइकी के ‘टेक टैलेंट आउटलुक’ रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के कारण पहले तो कर्मचारियों पर दूर रहकर दफ्तर का काम करने की व्यवस्था थोपी गई थी लेकिन अब दो साल बाद ‘वर्क फ्रॉम होम’ अब ‘नया चलन’ बन गया है और नई आदतें लोगों की जिंदगी में अपनी जगह बना चुकी हैं। इस अध्ययन में शामिल लोगों में से 82 फीसदी दफ्तर नहीं जाना चाहते और वे घर से ही काम करना चाहते हैं।

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टैलेंट टेक आउटलुक 2022 में चार महाद्वीपों में 100 से अधिक कार्यकारी अधिकारियों एवं मानव संसाधन अधिकारियों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया गया है। यह सर्वेक्षण सोशल मीडिया, साक्षात्कार और पैनल चर्चा के जरिये किया गया। अध्ययन में शामिल 64 फीसदी कर्मचारियों ने कहा कि घर से काम करने पर उनकी उत्पादन क्षमता अधिक रहती है और तनाव भी कम रहता है। इस बीच 80 फीसदी से अधिक मानव संसाधन प्रबंधकों ने कहा कि पूर्णकालिक रूप से दफ्तर जाकर काम करने वाले कर्मचारी खोजना अब उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है।

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वहीं 67 फीसदी से अधिक कंपनियों ने भी कहा कि दफ्तर जाकर काम करने वाले लोग खोजना उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है। बदले हुए माहौल में घर से काम करना अब विकल्प न रहकर नया चलन बन गया है और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाले लोग अपने नियोक्ता से इसकी उम्मीद भी रखते हैं। जो नियोक्ता इस व्यवस्था को अपनाने को तैयार नहीं हैं उन्हें अच्छी प्रतिभाओं को साथ जोड़ने और पहले से काम कर रहे लोगों को अपने साथ बनाए रखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

साइकी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी करूणजीत कुमार धीर ने कहा, ‘‘दूरस्थ काम की दुनिया में स्वागत है।’’ अध्ययन में कहा गया कि दूरस्थ काम करते हुए दो साल बीत जाने पर एक नए तरह का लचीलापन मिला है जो कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों के ही लिए लाभदायक है।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com