एफएमसीजी कारोबार की हर गतिविधि पर एआई का गहरा असरः टाटा कंज्यूमर

एफएमसीजी कारोबार की हर गतिविधि पर एआई का गहरा असरः टाटा कंज्यूमर

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  • Publish Date - June 18, 2025 / 03:28 PM IST,
    Updated On - June 18, 2025 / 03:28 PM IST

नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) दैनिक उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (टीसीपीएल) के निदेशक पी बी बालाजी ने बुधवार को कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) इस क्षेत्र के लगभग हर कार्य को तेजी से बदल रही है।

इसके साथ ही बालाजी ने कहा कि एआई को अपने परिचालन में गहराई तक अपनाने वाली कंपनियां ही भविष्य में मूल्य सृजन के अगले चरण का नेतृत्व करेंगी।

बालाजी ने कंपनी की वार्षिक आमसभा (एजीएम) को संबोधित करते हुए कहा कि एआई मांग के पूर्वानुमान से लेकर माल स्टॉक के अनुकूलन और मूल्य निर्धारण तक सभी कार्यों को प्रभावित कर रहा है।

उन्होंने कहा कि डिजिटल-केंद्रित विपणन और अत्यधिक स्थानीय बाजार के अनुकूल उत्पादों की पेशकश जैसी गतिविधियां एफएमसीजी क्षेत्र में ब्रांड के नियमों को फिर से लिख रही हैं।

उन्होंने कहा कि टीसीपीएल भविष्य के लिए तैयार एफएमसीजी ताकत बनने के लिए इन प्रवृत्तियों का लाभ उठा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘एआई, प्रतिभा और डिजिटल पारिस्थितिकी में कंपनी का निवेश उसे अधिक सटीकता और रफ्तार के साथ काम करने में मदद करेगा।’’

बालाजी ने कहा, ‘‘उपभोक्ताओं में स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती जागरूकता और बेहतर एवं जैविक विकल्पों की मांग के कारण ‘प्रीमियम’ की तरफ स्पष्ट रुझान देखा जा रहा है।

टाटा समूह के बैनर तले पांच साल पहले गठित टीसीपीएल ने बदलते समय को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। यह कई श्रेणियों एवं ब्रांड के तहत परिचालन कर रही है।

बालाजी ने कहा कि कंपनी का राजस्व सालाना 13 प्रतिशत की दर से बढ़ा है जबकि इसके शुद्ध लाभ में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

टीसीपीएल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुनील डिसूजा ने कहा कि कंपनी अब भारत की शीर्ष 10 एफएमसीजी कंपनियों में से एक बन चुकी है। इसके वृद्धि व्यवसाय में टाटा संपन्न, आरटीडी, टाटा सोलफुल, कैपिटल फूड्स और ऑर्गेनिक इंडिया शामिल हैं, जो अब इसके भारतीय व्यवसाय का 28 प्रतिशत हैं।

एजीएम की शुरुआत में अहमदाबाद विमान दुर्घटना के पीड़ितों और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय