असम कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की बैंगनी चावल की नयी किस्म

असम कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की बैंगनी चावल की नयी किस्म

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  • Publish Date - August 4, 2025 / 08:16 PM IST,
    Updated On - August 4, 2025 / 08:16 PM IST

जोरहाट (असम), चार अगस्त (भाषा) असम कृषि विश्वविद्यालय ने उच्च उपज वाली बैंगनी चावल (पर्पल राइस) की किस्म ‘लाबन्या’ विकसित की है। इसे पौध किस्मों एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (पीपीवीएफआरए) के तहत पंजीकृत किया गया है, अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) रंजीत कुमार होउत ने बताया कि ‘लाबन्या’ में पारंपरिक काले चावल के समृद्ध पोषण गुण हैं। साथ ही दैनिक उपभोग और व्यावसायिक खेती दोनों के लिए अनुकूल और सुविधाजनक भी है।

उन्होंने कहा, ‘‘असम कृषि विश्वविद्यालय (एएयू) को यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि ‘लाबन्या’ को हाल ही में पौध किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (पीपीवीएफआरए) के तहत पंजीकृत किया गया है। यह एएयू के वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।’’

कुमार ने बताया कि एएयू के कुलपति कार्यालय के एक आधिकारिक निर्देश के अनुसार, भारत सरकार द्वारा औपचारिक पंजीकरण और अधिसूचना से पहले ही इस किस्म को व्यावसायीकरण के लिए आधिकारिक तौर पर पेश कर दिया गया था, ताकि इसकी व्यावसायिक क्षमता का लाभ उठाया जा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अनुसार, ‘लाबान्या’ को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर पेश किया गया और एक स्थानीय उद्यमी को विशेष वाणिज्यिक अधिकार प्रदान किए गए। यह किस्म 18 से ज्यादा राज्यों में बेची जा चुकी है और 30 प्रतिशत से ज्यादा खरीदार बार-बार आने वाले ग्राहक हैं, जो मजबूत बाजार माग और उपभोक्ता संतुष्टि को दर्शाता है।’’

कुमार ने कहा कि इस चावल की मुख्य विशेषता यह है कि इसकी उपज क्षमता 4.5-5 टन प्रति हेक्टेयर है। ‘लाबान्या’ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, इसके दाने सुगंधित होते हैं और इसे पकाना भी आसान होता है, जिससे यह नियमित आहार के लिए आदर्श है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसमें चावल की प्राप्ति दर (60 प्रतिशत) ज्यादा होती है और एमाइलोज की मात्रा (18 प्रतिशत) ज्यादस होती है, जिससे इसकी पिसाई और खाने की गुणवत्ता बेहतर होती है। यह एंटीऑक्सीडेंट, फ्लेवोनोइड, ज़रूरी अमीनो एसिड और खनिजों से भी भरपूर है।’’

कुमार ने कहा कि इसके अलावा, ‘लाबान्या’ बेकरी उत्पादों, पारंपरिक व्यंजनों और ग्लूटेन-मुक्त आटे सहित कई तरह के मूल्यवर्धित उत्पादों के लिए उपयुक्त है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण