दीर्घकालिक संरचनात्मक मंदी के दौर से गुजर रहा ऑटो क्षेत्र: सियाम

दीर्घकालिक संरचनात्मक मंदी के दौर से गुजर रहा ऑटो क्षेत्र: सियाम

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  • Publish Date - January 28, 2021 / 11:28 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST

नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) उद्योग संगठन सिआम ने कहा है कि भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग एक दीर्घकालिक संरचनात्मक मंदी के दौर से गुजर रहा है क्योंकि सभी प्रमुख वाहन खंडों में पिछले तीन दशक के दौरान चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) में गिरावट देखी गई है।

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सिआम) द्वारा किए गए एक शोध के मुताबिक ऑटो उद्योग कोविड-19 महामारी से पहले ही मुश्किल दौर से गुजर रहा था और पिछले साल महामारी ने पूरे क्षेत्र को ही पटरी से उतार दिया।

उद्योग संगठन ने कहा कि अध्ययन से साफ है कि महामारी ऑटो क्षेत्र की मंदी का एकमात्र कारण नहीं है, बल्कि इसे गहन संरचनात्मक मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है।

शोध के अनुसार पिछले तीन दशकों के दौरान यात्री वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों, तीन-पहिया और दोपहिया वाहनों सहित सभी खंडों की वार्षिक वृद्धि दर में लगातार गिरावट देखने को मिली।

अध्ययन के मुताबिक घरेलू यात्री वाहन उद्योग का सीएजीआर 1989-90 और 1999-2000 के बीच 12.6 प्रतिशत था। हालांकि, यह आंकड़ा 1999-2000 और 2009-10 के दशक के बीच घटकर 10.3 प्रतिशत रह गया।

अंतिम दशक में वृद्धि दर घटकर 3.6 प्रतिशत रह गई।

सिआम के महानिदेशक राजेश मेनन ने बताया कि आंकड़ों में कमी स्पष्ट रूप से भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में दीर्घकालिक संरचनात्मक मंदी का संकेत है।

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर