अहमदाबाद, 23 दिसंबर (भाषा) छात्र स्टार्टअप एवं नवाचार नीति (एसएसआईपी 2.0) के तहत पिछले चार वर्ष में गुजरात सरकार ने कुल 1,543 स्टार्टअप को वित्तीय सहायता दी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
गुजरात कई पहल के दम पर उद्यमिता के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है और लगातार चौथी बार स्टार्टअप रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, गुजरात को देश के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में मान्यता दी गई है, जहां वर्तमान में समूचे प्रदेश में करीब 16,700 स्टार्टअप हैं।
युवाओं में नवोन्मेषण की मजबूत नींव बनाने के लिए राज्य सरकार ने 2022 से 2027 तक पांच वर्षीय एसएसआईपी 2.0 नीति की घोषणा की थी।
इसमें कहा गया, ‘‘ एसएसआईपी 2.0 नीति के तहत राज्य में 339 संस्थानों के माध्यम से 5,684 नवाचारों को पीओसी/प्रोटोटाइप बनाने और 2,296 नवाचारों को आईपीआर दाखिल करने के लिए सहायता प्रदान की गई। पीओसी/निधि सहायता के तहत 32.38 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उपलब्ध कराई गई है। पिछले चार वर्ष में एसएसआईपी 2.0 के तहत राज्य सरकार से 1,543 स्टार्टअप को वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है।’’
बयान के अनुसार, एसएसआईपी 2.0 के तहत पांच साल की अवधि के लिए कुल 300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जिसमें प्रति वर्ष 60 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इसमें से 30 करोड़ रुपये तकनीकी शिक्षा के लिए, 12 करोड़ रुपये आई-हब के लिए, 10 करोड़ रुपये उच्च शिक्षा के लिए और आठ करोड़ रुपये स्कूल के लिए आवंटित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा, ‘‘ स्टार्टअप में युवाओं को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने और दूसरों को रोजगार देने लायक बनाने की क्षमता है। गुजरात ने एक ऐसा परिवेश विकसित किया है जिसमें वी स्टार्ट और छात्र स्टार्टअप एवं नवाचार नीति जैसे कार्यक्रम महिला उद्यमियों को सशक्त बनाते हैं।’’
बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दृढ़ विश्वास है कि नवोन्मेषी विचार, प्रौद्योगिकी आधारित समाधान एवं युवा उद्यमियों की ऊर्जा समग्र राष्ट्रीय विकास के आधार हैं। भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य में स्टार्टअप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
भाषा निहारिका अजय
अजय