‘CIBIL Score कम होने पर भी आप रिजेक्ट नहीं कर सकते ऐसे लोन का आवेदन’ हाईकोर्ट ने SBI को लगाई फटकार

'CIBIL Score कम होने पर भी आप रिजेक्ट नहीं कर सकते ऐसे लोन का आवेदन' हाईकोर्ट ने SBI को लगाई फटकार! Bank Can't Reject Loan Application

  •  
  • Publish Date - May 31, 2023 / 01:12 PM IST,
    Updated On - May 31, 2023 / 01:12 PM IST

तिरुवनंतपुरम: Bank Can’t Reject Loan Application आम तौर पर देखा गया है कि सिबिल खराब होने पर बैंक के द्वारा लोन नहीं दिया जाता। लोन के लिए जैसे ही आप आवेदन करते हैं तो सबसे पहले सिबिल स्कोर देखा जाता है और अगर आपका सिबिल डाउन है या खराब है तो लोन का आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है। लेकिन इस बीच हाईकार्ट ने सिबिल स्कोर कम होने पर लोन का आवेदन रिजेक्ट करने को लेकर फटकार लगाई है।

Read More: प्रवीण से प्यार…साहिल से आशिकी…फिर जिंदगी में प्रवीण की वापसी, आरोपी ने खोली साक्षी के दिल फेंक मोहब्बती की पोल

Bank Can’t Reject Loan Application लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट ने छात्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, “छात्र कल के राष्ट्र निर्माता हैं। उन्हें भविष्य में इस देश का नेतृत्व करना है। केवल इसलिए कि एक छात्र का सिबिल स्कोर कम है, जो शिक्षा ऋण के लिए आवेदक है, मेरा मानना ​​है कि वैसे छात्रों के शिक्षा ऋण आवेदन को बैंक द्वारा अस्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।”

Read More: नेशनल हाइवे में तीन गांव के लोगों ने किया चक्का जाम, मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अमला

इस मामले में याचिकाकर्ता, जो एक छात्र है, ने दो ऋण लिए थे, जिनमें से एक ऋण का 16,667 रुपया अभी भी बकाया है। बैंक ने दूसरे ऋण को बट्टा खाते में डाल दिया था। इस वजह से याचिकाकर्ता का सिबिल स्कोर कम हो गया था। याचिकाकर्ता के वकीलों ने कोर्ट में कहा कि जब तक कि राशि तुरंत प्राप्त नहीं हो जाती, याचिकाकर्ता बड़ी मुश्किल में पड़ जाएगा।

Read More: UP को फिर नहीं मिला स्थाई DGP, आईपीएस विजय कुमार बने 9 महीने के लिए कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक

याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने प्रणव एस.आर. बनाम शाखा प्रबंधक और अन्य (2020) का उल्लेख किया, जिसमें न्यायालय ने माना था कि एक छात्र के माता-पिता का असंतोषजनक क्रेडिट स्कोर शिक्षा ऋण को अस्वीकार करने का आधार नहीं हो सकता है,क्योंकि छात्र की शिक्षा के बाद ही उसकी ऋण अदायगी की क्षमता योजना के अनुसार निर्णायक कारक होनी चाहिए। वकीलों ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से नौकरी का प्रस्ताव मिला है और इस तरह वह पूरी ऋण राशि चुकाने में सक्षम होगा।

Read More: चुनाव से पहले सरकार ने फिर से लिया 2 हजार करोड़ कर्ज, जानें एमपी सरकार पर कितना बढ़ गया लोन 

इस पर, प्रतिवादी पक्ष के वकीलों ने तर्क दिया कि इस मामले में अंतरिम आदेश देना, याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई राहत के अनुसार, भारतीय बैंक संघ और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्देशित योजना के खिलाफ होगा। वकीलों ने आगे यह भी कहा कि साख सूचना कंपनी अधिनियम, 2005 (Credit Information Companies Act, 2005) और साख सूचना कंपनी नियम, 2006 और भारतीय स्टेट बैंक द्वारा जारी परिपत्र वर्तमान याचिकाकर्ता की स्थिति में लोन की राशि देने पर रोक लगाते हैं।

Read More: सीएम भूपेश बघेल ने बेरोजगारी भत्ता देते हुए दिया बयान, युवाओं के लिए कही ये बात 

हाई कोर्ट ने वास्तविक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और इस तथ्य पर गौर करते हुए कि याचिकाकर्ता ने ओमान में नौकरी प्राप्त कर ली है, कहा कि सुविधाओं का संतुलन याचिकाकर्ता के पक्ष में होगा और शिक्षा ऋण के लिए आवेदन केवल कम सिबिल स्कोर के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता।

 

 

 

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक