नई दिल्ली: Automobile companies : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कार कंपनियों की क्लास लगा दी। गडकरी ने कहा कि कुछ कार निर्माता डबल स्टैंडर्ड अपना रहे हैं। वे भारत में बेची जाने वाली कारों में सेफ्टी फीचर्स नहीं दे रहे हैं, जबकि निर्यात के लिए बन रही गाड़ियों में ये फीचर्स दिए जा रहे हैं। गडकरी की यह टिप्पणी छह एयरबैग को अनिवार्य बनाने की सरकार की योजना की कुछ कार निर्माताओं द्वारा आलोचना करने वाली टिप्पणियों के बीच आई है। मंत्रालय को अभी कारों में 6 एयरबैग्स के लिए अंतिम अधिसूचना जारी करनी है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
Automobile companies : गडकरी ने कहा, “हमने कारों में छह एयरबैग को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया है, यहां तक कि इकोनॉमिक मॉडल में भी। अब कुछ कंपनियां भारत में ऐसी कारें बना रही हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं हैं। लेकिन वे उसी मॉडल को विदेशी बाजारों के लिए मानकों के अनुरूप बना रही हैं। मुझे यह कभी समझ नहीं आता।”
भारतीय सड़कों को सुरक्षित बनाने का प्रयास
Automobile companies : गडकरी ने कहा कि सभी कारों में 6 एयरबैग अनिवार्य करने का कदम भारतीय सड़कों को सुरक्षित बनाने के प्रयास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा, “हमें ऐसे फैसलों के महत्व को समझने की जरूरत है। जब भारत में बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाओं से मौते हो रही हैं, तो वे (वाहन निर्माता) इसे गंभीरता से क्यों नहीं ले रहे हैं?”
कुछ कंपनियां एयरबैग स्टैंडर्ड का कर रहीं विरोध
Automobile companies : गडकरी ने कहा कि कुछ ऑटोमोबाइल कंपनियां कारों में 6-एयरबैग स्टैंडर्ड का लगातार विरोध कर रही हैं, जबकि यह फैसला किसी का जीवन बचाने वाला है। कारों में छह एयरबैग के प्रस्ताव की घोषणा करते हुए गडकरी ने मार्च में संसद को यह भी बताया था कि कारों में 6 एयरबैग होने से 2020 में 13,000 लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
मंत्री ने कहा कि जब ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में ग्रोथ हो रही है और वाहनों की संख्या बढ़ रही है, तो यह देखना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि सड़कें सुरक्षित हों। भारत के पास दुनिया भर में बमुश्किल 1% वाहन हैं, लेकिन दुनिया में सड़क पर होने वाली दुर्घटना में 10% मौतें केवल भारत से हैं।