बीपीसीएल के निजीकरण की बोली के लिये समयसीमा आगे बढ़ाये जाने की उम्मीद नहीं: दीपम सचिव

बीपीसीएल के निजीकरण की बोली के लिये समयसीमा आगे बढ़ाये जाने की उम्मीद नहीं: दीपम सचिव

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  • Publish Date - October 19, 2020 / 02:14 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

नयी दिल्ली, 19 अक्ट्रबर (भाषा) कोविड- 19 महामारी से प्रभावित सरकार के रणनीतिक विनिवेश कार्यक्रम के पटरी पर लौट आने के बाद अब सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी बीपीसीएल के निजीकरण की बोली के लिये समयसीमा को पांचवीं बार आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं होगी। दीपम के सचिव ने सोमवार को यह जानकारी दी।

सरकार ने भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में बहुमत हिस्सेदारी खरीदने के लिये प्रारम्भिक बोली लगाने के वास्ते समयसीमा को चार बार बढ़ाया है। बोली लगाने के लिये मौजूदा समयसीमा 16 नवंबर 2020 है।

वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने पीटीआई- भाषा को बताया, ‘‘रणनीतिक विनिवेश मामले में हमें कोविड- 19 का गंभीर प्रभाव झेलना पड़ा है। निवेशकों ने और समय मांगा, खासतौर से महत्वपूर्ण सौदों में यह स्थिति रही। मुझे उम्मीद है कि विशेषतौर से बीपीसीएल के मामले में समयसीमा को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं होगी। यह समयसीमा इस समय 16 नवंबर 2020 है। उम्मीद की जाती है कि हम आगे बढ़ेंगे।’’

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में बीपीसीएल में सरकार की पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी थी। इस सौदे में रुचि दिखाने के लिये आशय पत्र अथवा सरकार की हिस्सेदारी को खरीदने में रुचि दिखाने के लिये सात मार्च को आशय पत्र आंमत्रित किये गये। शुरू में पहली समयसीमा दो मई रखी गई। इसके बाद इसे पहली बार 13 जून तक बढ़ाया गया, फिर 31 जुलाई तक। उसके बाद 30 सितंबर और फिर चौथी बार समयसीमा को 16 नवंबर 2020 तक के लिये बढ़ाया गया।

पांडे ने कहा कि सौदे में रुचि रखने वाले बोली दाताओं के आग्रह पर समयसीमा को बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि सरकार इस सौदे को 31 मार्च 2021 से पहले पूरा करने के लिये काफी गंभीर है। इससे चालू वित्त वर्ष के 2.10 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020- 21 के आम बजट में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान रखा है।

सरकार ने बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी रणनीतिक निवेशक को बेचने का फैसला किया है। बीपीसीएल की नुमालीगढ़ रिफाइनरी को इस सौदे से अलग रखा गया है। नुमालीगढ़ रिफाइनरी में बीपीसीएल की हिस्सेदारी को किसी अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनी के हवाले किया जायेगा। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी आयल इंडिया लिमिटेड (आयल) और इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) इसका अधिग्रहण कर सकते हैं।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर