लागत लेखाकारों के संस्थान की मांग, उसके सदस्यों को एमएसएमई के वित्तीय ऑडिट की अनुमति दे सरकार

लागत लेखाकारों के संस्थान की मांग, उसके सदस्यों को एमएसएमई के वित्तीय ऑडिट की अनुमति दे सरकार

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  • Publish Date - May 8, 2022 / 12:35 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:03 PM IST

नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) लागत लेखाकारों के संस्थान ने सरकार से उसके सदस्यों को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) और निजी कंपनियों के वित्तीय ऑडिट (लेखा-परीक्षा) की अनुमति देने पर विचार करने को कहा है।

संसद के कानून के तहत स्थापित भारतीय लागत लेखाकार संस्थान के सदस्यों की संख्या 90,000 है। वहीं इसके विद्यार्थियों की संख्या लगभग पांच लाख है।

लागत और प्रबंधन लेखाकारों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) के बीच प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ समानता सुनिश्चित करने की मांग करते हुए संस्थान ने सरकार से उसके सदस्यों को आयकर अधिनियम, 1961 के तहत कर ऑडिट सहित विभिन्न गतिविधियों की अनुमति देने को कहा है।

संस्थान ने इसके साथ ही वैश्विक मानदंडों के अनुसार, एमएसएमई और निजी कंपनियों का वित्तीय ऑडिट करने के साथ बैंकों के समवर्ती ऑडिट और अनुदान प्राप्त संगठनों / संस्थानों को मिले अनुदान का ऑडिट करने की भी अनुमति मांगी है।

इस संबंध में संस्थान ने पिछले महीने वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण को एक ज्ञापन भी सौंपा था।

संस्थान के अध्यक्ष पी राजू अय्यर ने हाल ही में पीटीआई-भाषा को बताया कि लागत और प्रबंधन लेखाकारों को एमएसएमई और निजी कंपनियों के वित्तीय ऑडिट के साथ-साथ कुछ अन्य गतिविधियों की अनुमति देने से प्रतिस्पर्धा का माहौल पैदा करने और सेवाओं के लिए मूल्यवर्द्धन में मदद मिलेगी।

अय्यर ने लागत लेखाकारों, चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंपनी सचिवों के संस्थानों के कामकाज की निगरानी करने वाले कानूनों में हाल ही में हुए संशोधनों का भी स्वागत किया।

संसद ने पांच अप्रैल को चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स और कंपनी सेक्रेटरीज (संशोधन) विधेयक, 2022 को पारित किया।

हालांकि, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के शीर्ष निकाय भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) ने इस विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर चिंताएं जताई हैं।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाला लागत लेखाकार संस्थान अपने नाम को बदलकर ‘द इंस्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया’ करने की भी मांग कर रहा है।

भाषा अजय अजय

अजय