नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट कॉपर से कहा कि वह तमिलनाडु के थूथुकुडी में स्थानीय समुदाय की चिंताओं से बेपरवाह नहीं रह सकती है और उसे अपने संयंत्र में कामकाज फिर से शुरू करने से पहले प्रस्तावित विशेषज्ञ समिति के सुझाए गए पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों को लागू करना होगा।
अदालत ने 14 फरवरी को कहा था कि बंद संयंत्र का निरीक्षण करने, हरित मानदंडों के अनुपालन और आगे का रास्ता सुझाने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जा सकती है।
कारखाने के कारण कथित प्रदूषण को लेकर विरोध प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई में 13 लोगों की मौत के कारण यह कारखाना मई, 2018 से बंद है।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि संयंत्र को बंद रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा, लेकिन साथ ही अदालत को सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति भी सचेत रहना होगा।
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘… वे सब लोग यहां नहीं आ सकते। हम समुदाय की चिंताओं से बेपरवाह नहीं हो सकते। हम यह निर्देश नहीं दे सकते कि आप आज से काम करना शुरू करें, लेकिन हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि विशेषज्ञों की एक समिति आपके सामने शर्तें रखे ताकि उद्योग एक निश्चित राशि जमा करने और संतोषजनक पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों को लागू करने पर काम शुरू कर सके।’’
मामले पर सुनवाई बृहस्पतिवार को जारी रहेगी।
भाषा रमण अजय
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