शेयर बाजार में एफपीआई निवेश अगस्त में 7,320 करोड़ रुपये पर

शेयर बाजार में एफपीआई निवेश अगस्त में 7,320 करोड़ रुपये पर

शेयर बाजार में एफपीआई निवेश अगस्त में 7,320 करोड़ रुपये पर
Modified Date: September 1, 2024 / 11:39 am IST
Published Date: September 1, 2024 11:39 am IST

नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाते हुए अगस्त में घरेलू शेयर बाजार में केवल 7,320 करोड़ रुपये का निवेश किया।

शेयरों के उच्च मूल्यांकन और बैंक ऑफ जापान के ब्याज दर बढ़ाने के बाद येन कैरी ट्रेड यानी निम्न ब्याज दर वाले वाले देश से कर्ज लेकर दूसरे देश की परिसंपत्तियों में निवेश के समाप्त होने के बीच उन्होंने सतर्क रुख अपनाया है।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, यह निवेश जुलाई में 32,365 करोड़ रुपये और जून में 26,565 करोड़ रुपये से काफी कम है

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वॉटरफील्ड एडवाइजर्स के निदेशक (सूचीबद्ध निवेशक) विपुल भोवार ने कहा कि सितंबर में एफपीआई की घरेलू बाजार में रुचि बने रहने की संभावना है। हालांकि पूंजी प्रवाह को घरेलू राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक संकेतक, वैश्विक ब्याज दर की स्थिति, बाजार मूल्यांकन, क्षेत्रीय प्राथमिकताओं और बॉन्ड बाजार के आकर्षण से दिशा मिलने की उम्मीद है।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अगस्त में भारतीय इक्विटी में 7,320 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया।

पिछले दो महीनों की तुलना में एफपीआई की दिलचस्पी कम होने का मूल कारण भारतीय बाजार में उच्च मूल्यांकन है। वित्त वर्ष 2024-25 की अनुमानित कमाई से 20 गुना अधिक पर निफ्टी कारोबार कर रहा है। इसके साथ, भारत अब दुनिया का सबसे महंगा बाजार है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई के पास बहुत सस्ते बाजारों में निवेश करने के अवसर हैं और इसीलिए, उनकी प्राथमिकता भारत के अलावा अन्य बाजार हैं।

भोवार ने कहा कि इसके अलावा, 24 अगस्त को येन कैरी ट्रेड के समाप्त होने से एफपीआई व्यवहार पर काफी असर पड़ा, जिससे घरेलू इक्विटी में भारी बिकवाली हुई।

दिलचस्प बात यह है कि एफपीआई शेयर बाजार बाजार में बिकवाली कर रहे हैं, जहां मूल्यांकन अधिक माना जाता है। वे अपने निवेश को प्राथमिक बाजार में लगा रहे हैं, जहां अपेक्षाकृत मूल्यांकन कम है।

इस बीच, एफपीआई ने अगस्त में बॉन्ड बाजार में 17,960 करोड़ रुपये का निवेश किया।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि वैश्विक बॉन्ड सूचकांकों में शामिल किये जाने, आकर्षक ब्याज दर, स्थिर आर्थिक वृद्धि और अनुकूल दीर्घकालिक दृष्टिकोण एफपीआई को बॉन्ड में निवेश करने के लिए प्रेरित करने वाले प्रमुख कारक रहे हैं।

बजाज फिनसर्व एसेट मैनेजमेंट लि. के मुख्य निवेश अधिकारी निमेश चंदन ने कहा कि वैश्विक बांड सूचकांकों में भारत के शामिल होने और आकर्षक प्रतिफल ने पूंजी प्रवाह को आकर्षित किया है।

जियोजित के विजयकुमार ने कहा कि इसके अलावा, एफपीआई मुख्य रूप से बॉन्ड बाजार में खरीदारी कर रहे हैं क्योंकि इस साल भारतीय रुपया स्थिर रहा है और यह स्थिरता जारी रहने की उम्मीद है।

इसके साथ, 2024 में अब तक इक्विटी में एफपीआई का निवेश 42,885 करोड़ रुपये और बॉन्ड बाजार में 1.08 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

भाषा रमण

रमण


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