वैश्विक आर्थिक, कारोबारी अनिश्चितताओं के बावजूद चालू वित्त वर्ष में वृद्धि की संभावना मजबूत:रिपोर्ट

वैश्विक आर्थिक, कारोबारी अनिश्चितताओं के बावजूद चालू वित्त वर्ष में वृद्धि की संभावना मजबूत:रिपोर्ट

  •  
  • Publish Date - October 27, 2025 / 02:51 PM IST,
    Updated On - October 27, 2025 / 02:51 PM IST

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) वैश्विक आर्थिक एवं व्यापार नीति की अनिश्चितताओं के बावजूद घरेलू मांग, कम मुद्रास्फीति, मौद्रिक सहजता और जीएसटी सुधारों के सकारात्मक प्रभाव के दम पर वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वृद्धि की संभावना मजबूत बनी हुई है। वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में सोमवार को यह बात कही गई।

वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा, ‘‘ आर्थिक एवं व्यापार नीति के मोर्चे पर अनिश्चितता की वैश्विक पृष्ठभूमि के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में गति पकड़ी। यह इसलिए और महत्वपूर्ण है क्योंकि अगस्त में अमेरिका ने भारत पर उच्च शुल्क लगाए थे।’’

इसमें कहा गया कि विभिन्न आपूर्ति पक्ष उच्च आवृत्ति संकेतकों (एचएफआई) ने स्वस्थ रुझान प्रदर्शित किया है जबकि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों और त्योहारों से खपत में वृद्धि के साथ मांग की स्थिति में सुधार जारी है।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ घरेलू मांग, अनुकूल मानसून की स्थिति, कम मुद्रास्फीति, मौद्रिक सहजता और जीएसटी सुधारों के सकारात्मक प्रभावों से वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वृद्धि का दृष्टिकोण मजबूत बना हुआ है। परिणामस्वरूप, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के अपने वृद्धि दर के अनुमान को क्रमशः 6.4 प्रतिशत तथा 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर क्रमश: 6.6 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत कर दिया है।’’

इसमें साथ ही कहा गया कि भारत का व्यापार प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है और मजबूत सेवा निर्यात ने वस्तु व्यापार घाटे की प्रभावी रूप से भरपाई कर दी है।

रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत जारी रहने के बावजूद सितंबर, 2025 के वस्तु व्यापार के आंकड़ों ने निर्यात गंतव्यों के विविधीकरण के शुरुआती प्रमाण पेश किए हैं। कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह में वृद्धि से पता चलता है कि भारत एक आकर्षक निवेश गंतव्य बना हुआ है।

इसमें कहा गया कि जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने सहित हालिया नीतिगत उपायों से मुद्रास्फीति को मध्यम बनाए रखने एवं उपभोग मांग को समर्थन मिलने की उम्मीद है। साथ ही कहा गया कि वित्त वर्ष 2025-26 में समग्र कीमतें नरम रहने की संभावना है।

भाषा निहारिका अजय

अजय