मुंबई, आठ अगस्त (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि घरेलू बचत का व्यवहार अब ‘सामान्य’ स्थिति में लौट रहा है।
आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर उन्होंने कहा कि घरेलू क्षेत्र का इक्विटी में बहुत अधिक निवेश नहीं है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान एहतियातन और खर्च करने के रास्ते बंद होने के कारण परिवारों ने वित्तीय परिसंपत्तियों में अधिक अनुपात में बचत की थी, और कोविड-19 के कम होने के साथ ही भौतिक परिसंपत्तियों में अधिक निवेश करने की प्रवृत्ति देखी गई है।
पात्रा ने कहा, “अगर आप दोनों को साथ में लें, तो कुल घरेलू बचत लगभग 20 प्रतिशत पर स्थिर हो गई है। यह काफी समय से गिर रही थी और अब स्थिर हो गई है। कुल मिलाकर, मैं घरेलू बचत व्यवहार में सामान्य स्थिति की वापसी देख रहा हूं।”
यह ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में वित्त वर्ष 2022-23 में शुद्ध वित्तीय बचत घटकर 5.3 प्रतिशत पर आ जाने की चिंता व्यक्त की गई थी। यह चार दशक से अधिक का निचला स्तर है।
इस बीच, गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बैंकों को सलाह दी कि वे अपने शाखा नेटवर्क का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए करें कि उन्हें अपनी ऋण वृद्धि को बनाए रखने और समर्थन देने के लिए पर्याप्त जमा प्राप्त हो।
हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि बैंकों को खुद ही यह काम करना होगा और आरबीआई इसमें मदद के लिए कोई उपाय लाकर सूक्ष्म प्रबंधन नहीं करेगा।
आरबीआई ने कहा कि पिछले साल नवंबर में पेश किए गए व्यक्तिगत कर्ज के लिए उच्च जोखिम भार के उपायों की समीक्षा करना अभी जल्दबाजी होगी।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय