नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) सोलहवें वित्त आयोग के प्रमुख अरविंद पनगढ़िया ने देश की वृद्धि रफ्तार बढ़ाने के लिए शुक्रवार को यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को ‘तेजी से’ आगे बढ़ाने के साथ भूमि एवं श्रम बाजार सुधारों को लागू करने का सुझाव दिया।
पनगढ़िया ने यहां आयोजित ‘बिजनेस टुडे इंडिया@100’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य में अधिक शुल्क लगने के बीच भारत के लिए यह ‘महत्वपूर्ण मोड़’ है, जहां एक बाजार सीमित हो रहा है तो दूसरे को व्यापक रूप से खोलने की जरूरत है।
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय आयात पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा के बीच कहा कि भारत को अपने सुधार एजेंडे को अब आगे बढ़ाना होगा।
पनगढ़िया ने कहा कि अमेरिका में ऊंचा शुल्क लगाए जाने के बाद भारत अपने निर्यात को कम शुल्क वाले यूरोपीय संघ की तरफ मोड़ने का काम कर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘इस महत्वपूर्ण क्षण में हमें यूरोपीय संघ के साथ एफटीए पर गंभीर प्रयास करने चाहिए। यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे एक बड़ा बाजार हमारे लिए खुल जाएगा।’
पनगढ़िया ने अमेरिका की तरफ से लगाए गए ऊंचे शुल्क पर कहा, ‘‘यह संकट भारत के लिए 1991 जैसा समय है।…हमें अतीत पर नजर डालकर यह सोचने की जरूरत है कि क्या किया जा सकता है। बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। सुधारों के मोर्च पर कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन बहुत कुछ किया जाना बाकी है।’’
उन्होंने श्रम संहिता के क्रियान्वयन, भूमि सुधार और केंद्र एवं राज्यों में नियमों की संख्या घटाने को प्राथमिकता देने की बात कही।
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है और यदि घरेलू सुधार पूरे किए जाएं तो वृद्धि की रफ्तार को तेज करने में कोई बाधा नहीं है।
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