नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में निवेश सुविधा मामले में प्रस्ताव को आगे बढ़ाने को लेकर चीन जैसे कुछ देशों के प्रयासों का कड़ा विरोध किया है। उसका कहना है कि यह एजेंडा डब्ल्यूटीओ को मिली जिम्मेदारी से बाहर का मामला है।
यह मुद्दा अबू धाबी में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में उठेगा।
चार दिन की यह बैठक 26 फरवरी से शुरू होगी। मंत्रिस्तरीय सम्मेलन डब्ल्यूटीओ में निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है।
चीन के नेतृत्व वाला 130 देशों का समूह विकास के लिए निवेश सुविधा (आईएफडी) प्रस्ताव को आगे बढ़ा रहा है।
समूह इस प्रस्ताव को डब्ल्यूटीओ के समझौते से जुड़े अनुबंध-चार के माध्यम से लाना चाहता है। इसके तहत यह प्रस्ताव केवल हस्ताक्षरकर्ता सदस्यों के लिए बाध्यकारी होगा न कि उन लोगों के लिए जो इसका विरोध कर रहे हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम इसके भी खिलाफ हैं।’’ भारत ने इसका विरोध किया है क्योंकि इससे डब्ल्यूटीओ की बहुपक्षीय प्रकृति कमजोर हो जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर ये देश इस विषय पर बातचीत करना चाहते हैं तो उन्हें डब्ल्यूटीओ के औपचारिक व्यवस्था के बाहर ऐसा करना चाहिए।
भाषा रमण अजय
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