भारत-ओमान के बीच व्यापार समझौता, सुल्तान हैथम के साथ प्रधानमंत्री ने की बैठक

भारत-ओमान के बीच व्यापार समझौता, सुल्तान हैथम के साथ प्रधानमंत्री ने की बैठक

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  • Publish Date - December 18, 2025 / 05:55 PM IST,
    Updated On - December 18, 2025 / 05:55 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

मस्कट, 18 दिसंबर (भाषा) भारत और ओमान के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बृहस्पतिवार को हस्ताक्षर किए जाने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक के साथ द्विपक्षीय बातचीत में दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा की।

द्विपक्षीय वार्ता के पहले प्रधानमंत्री मोदी का अल बरका पैलेस में सुल्तान हैथम ने स्वागत किया। मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में बुधवार को ओमान पहुंचे थे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-ओमान रणनीतिक साझेदारी को अधिक मजबूत और व्यापक बनाने के तरीकों पर विचार किया। दोनों नेताओं ने भारत और ओमान के बीच कूटनीतिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने को द्विपक्षीय साझेदारी के लिए एक अहम उपलब्धि बताया।

जायसवाल ने कहा, ‘दोनों नेताओं ने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा, कृषि, प्रौद्योगिकी, नवीन एवं उभरते क्षेत्र, संस्कृति और लोगों के बीच संपर्क सहित कई विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी चर्चा की।’

उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर का स्वागत करते हुए इसे द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर करार दिया।

सीईपीए पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ओमान के वाणिज्य, उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री कैस बिन मोहम्मद अल यूसुफ ने हस्ताक्षर किए।

यह व्यापार समझौता बाजार तक पहुंच बढ़ाने, निवेश को प्रोत्साहित करने और प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने में सहायक होगा। इसके जरिये वैश्विक आर्थिक पुनर्निर्धारण के दौर में व्यापार विविधीकरण और आपूर्ति शृंखला की मजबूती को समर्थन मिलने की उम्मीद है।

यह ओमान का किसी देश के साथ संपन्न हुआ दूसरा एफटीए है। वहीं पिछले 20 वर्षों में ओमान ने पहली बार किसी देश के साथ यह समझौता किया है।

इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और ओमान के बीच सीईपीए द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा और विश्वास देगा।

वह सुल्तान हैथम के निमंत्रण पर ओमान की यात्रा पर पहुंचे हैं। यह इस खाड़ी देश की उनकी दूसरी यात्रा है और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ होने से विशेष महत्व रखती है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एफटीए पर हस्ताक्षर को दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी में ‘नया अध्याय’ बताते हुए कहा कि यह द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने कहा कि यह समझौता भारत और ओमान के बीच व्यापार बढ़ाने, निवेश को प्रोत्साहित करने और आर्थिक विविधीकरण को गति देने में मददगार होगा। इससे अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्रों में नए अवसर खुलेंगे, आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा और रोजगार सृजन होगा।

उन्होंने कहा, “आम लोगों के लिए सीईपीए का मतलब अधिक नौकरियां, कारोबार के लिए बेहतर बाजार पहुंच, मजबूत आपूर्ति शृंखलाएं और दोनों देशों में व्यापक आर्थिक अवसर है।”

पिछले कुछ वर्षों में भारत ने कई देशों एवं समूहों के साथ एफटीए किए हैं। इनमें ब्रिटेन, ईएफटीए, ऑस्ट्रेलिया, यूएई एवं मॉरीशस शामिल हैं।

ओमान, खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के देशों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। भारत का संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ पहले से इस तरह का व्यापार समझौता है, जो मई 2022 से लागू हो चुका है।

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और ओमान का द्विपक्षीय व्यापार करीब 10.5 अरब डॉलर रहा, जिसमें भारत का निर्यात चार अरब डॉलर और आयात 6.54 अरब डॉलर था।

भारत के ओमान से प्रमुख आयात पेट्रोलियम उत्पाद और यूरिया हैं, जिनकी कुल आयात में 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है। इसके अलावा प्रोपिलीन और एथिलीन पॉलिमर, पेट कोक, जिप्सम, रसायन, लोहा-इस्पात और कच्चा एल्युमिनियम भी प्रमुख आयात वस्तुएं हैं।

वहीं, भारत से ओमान को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख उत्पादों में खनिज ईंधन, रसायन, बहुमूल्य धातु, लोहा-इस्पात, अनाज, जहाज एवं नौका, बिजली मशीनरी, बॉयलर, चाय, कॉफी, मसाले, परिधान और खाद्य उत्पाद शामिल हैं।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण