व्यापार समझौते के तहत कंपनियों को ओमान में आधे कर्मचारी भारतीय नियुक्त करने की अनुमति

व्यापार समझौते के तहत कंपनियों को ओमान में आधे कर्मचारी भारतीय नियुक्त करने की अनुमति

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  • Publish Date - December 18, 2025 / 06:29 PM IST,
    Updated On - December 18, 2025 / 06:29 PM IST

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) ओमान ने बृहस्पतिवार को द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत खाड़ी देश में कार्यरत भारतीय कंपनियों के लिए नियमों में ढील देने की पेशकश की। इससे कंपनियों को अपने कुल कर्मचारियों में से 50 प्रतिशत तक को अपने भारत स्थित कार्यालय से नियुक्त करने की अनुमति मिल जाएगी।

यह प्रावधान व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) का हिस्सा है। इस समझौते पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ओमान के वाणिज्य, उद्योग और निवेश संवर्धन मंत्री कैस बिन मोहम्मद अल यूसुफ ने मस्कट में हस्ताक्षर किए। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक मौजूद थे।

इस समझौते को 2026 की पहली तिमाही तक लागू किए जाने की संभावना है।

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि सीईपीए की एक प्रमुख विशेषता भारतीय पेशेवरों के लिए आवाजाही की बेहतर व्यवस्था है।

मंत्रालय ने कहा, ‘ओमान ने पहली बार पेशेवरों के आने-जाने (मोड 4) के नियमों में कई नई सुविधाएं दी हैं। इसके तहत कंपनियों के कर्मचारियों के लिए ओमान में काम करने का कोटा 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है। साथ ही संविदा आधार पर सेवा आपूर्तिकर्ताओं को पहले के 90 दिनों के बजाय दो साल तक ओमान में रहने की अनुमति मिलेगी और इसमें दो साल के और विस्तार की संभावना है।’

सेवा क्षेत्र में ओमान ने 127 उप-क्षेत्रों में नियम आसान किए हैं।

खाड़ी देश ने कंप्यूटर से संबंधित सेवाओं, व्यापार और पेशेवर सेवाओं, ऑडियो-विजुअल, अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं सहित कई क्षेत्रों में अपनी प्रतिबद्धताओं का विस्तार किया है।

कंप्यूटर संबंधी सेवाओं में कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर और सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली का विकास, रखरखाव और प्रबंधन शामिल है।

इसी प्रकार, पेशेवर सेवाओं में लेखांकन, कराधान, वास्तुकला, इंजीनियरिंग, शहरी नियोजन, चिकित्सा, दंत चिकित्सा, पशु चिकित्सा, नर्सिंग और दाई सेवाएं शामिल हैं।

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, ‘इन प्रतिबद्धताओं से भारतीय सेवा प्रदाताओं के लिए महत्वपूर्ण नए अवसर खुलने, उच्च मूल्य वाले रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलने और दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक जुड़ाव के विस्तार में सहायता मिलने की उम्मीद है।’

ओमान का वैश्विक सेवा आयात 12.52 अरब डॉलर है, जिसमें भारत का हिस्सा केवल 5.31 प्रतिशत है। यह दर्शाता है कि भारतीय सेवा प्रदाताओं के लिए वहां अभी बहुत अवसर हैं।

भाषा योगेश रमण

रमण