नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत के दौरान एक-दूसरे की राजनीतिक संवेदनशीलता का सम्मान किया है। इसके तहत भारत ने ब्रिटेन के यहां कानूनी सेवाएं खोलने के अपने अनुरोध को वापस लेने के बदले में छात्रों को पढ़ाई के बाद कार्य वीजा की अपनी मांग को छोड़ने पर सहमति व्यक्त की है। एक अधिकारी ने बुधवार को कहा।
भारत और ब्रिटेन ने मंगलवार को मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की घोषणा की, जिससे भारत में ब्रिटिश स्कॉच व्हिस्की तथा कारें सस्ती हो जाएंगी, जबकि ब्रिटेन में परिधान व चमड़ा उत्पादों जैसे क्षेत्रों के घरेलू सामानों के लिए अधिक बाजार पहुंच उपलब्ध होगी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ दोनों देशों ने एक-दूसरे की संवेदनशीलता का सम्मान किया है। पढ़ाई के बाद कार्य वीजा ब्रिटेन के लिए राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामला है और भारत के लिए कानूनी सेवाएं संवेदनशील हैं। हम पढ़ाई के बाद कार्य वीजा पर अपनी मांग छोड़ने पर सहमत हुए, जिसके बदले में ब्रिटेन ने कानूनी सेवाओं पर अपनी मांग छोड़ दी।’’
अधिवक्ता अधिनियम (जिसे बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा प्रशासित किया जाता है) विदेशी वकीलों या कानूनी कंपनियों को अस्थायी अवधि के लिए पारस्परिक आधार पर भारत आने की अनुमति देता है ताकि वे अपने ग्राहकों को विदेशी कानूनों व विविध अंतरराष्ट्रीय कानूनी मुद्दों पर सलाह दे सकें। कानूनी बिरादरी के कुछ वर्ग विदेशी कंपनियों के लिए इस क्षेत्र में किसी भी तरह की ढील के खिलाफ हैं।
ब्रिटेन ने व्यापार समझौते में विभिन्न श्रेणियों के लिए व्यापारिक आगंतुकों, अंतर-कॉर्पोरेट स्थानांतरित लोगों, संविदात्मक सेवा आपूर्तिकर्ताओं, स्वतंत्र पेशेवरों, निवेशकों तथा अंतर-कॉर्पोरेट स्थानांतरित लोगों के साझेदारों एवं आश्रित बच्चों (काम करने के अधिकार के साथ) के लिए अस्थायी प्रवेश व प्रवास आवश्यकताओं के लिए एक सुनिश्चित व्यवस्था प्रदान की है।
ब्रिटेन ने 36 उप-क्षेत्रों में गतिशीलता प्रतिबद्धताओं की पेशकश की है, जैसे कि कंप्यूटर-संबंधी सेवाएं, संविदात्मक सेवा आपूर्तिकर्ताओं के तहत व्यावसायिक सेवाएं (जिसमें योग प्रशिक्षक, शास्त्रीय संगीतकार और शेफ..जिनकी संयुक्त संख्या प्रति वर्ष 1,800 तक है) तथा स्वतंत्र पेशेवरों में 16 उप-क्षेत्र (जिसमें कंप्यूटर व संबंधित सेवाएं, अनुसंधान एवं विकास सेवाएं शामिल हैं) भी शामिल हैं।
मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) योग प्रशिक्षकों, संगीतकारों तथा रसोइयों जैसे घरेलू स्वतंत्र पेशेवरों के लिए अनेक नये अवसर प्रदान करेगा।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग व व्यापार समझौते में भी इसी तरह के प्रावधान हैं, जिसे दिसंबर 2022 में लागू किया गया था।
समझौते के हिस्से के रूप में, ऑस्ट्रेलिया ने अनुबंधित सेवा आपूर्तिकर्ताओं के रूप में देश में प्रवेश करने वाले योग्य, पेशेवर भारतीय पारंपरिक रसोइयों व योग शिक्षकों के लिए 1,800 की वार्षिक सीमा तय की है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ ब्रिटेन ने भारत के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ एफटीए प्रतिबद्धता की पेशकश की है। ब्रिटेन द्वारा 137 उप-क्षेत्रों में व्यापक प्रतिबद्धता की पेशकश की गई है, जिसमें भारत के हित के क्षेत्र जैसे आईटी/आईटीईएस, वित्तीय सेवाएं, पेशेवर सेवाएं, अन्य व्यावसायिक सेवाएं एवं शिक्षा सेवाएं शामिल हैं।’’
उन्होंने कहा कि दोनों ने वाणिज्यिक रूप से सार्थक एमएफएन (सबसे पसंदीदा राष्ट्र) प्रतिबद्धताएं तय की हैं।
ब्रिटेन ने भारत को 92 क्षेत्रों/उप-क्षेत्रों के लिए एमएफएन प्रतिबद्धता की पेशकश की है, जिसमें निजी तौर पर वित्तपोषित स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा सेवाएं, पेशेवर सेवाएं तथा कई व्यावसायिक सेवाएं शामिल हैं।
भाषा निहारिका मनीषा
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