सुधारों के बाद भारत की तरफ उम्मीद एवं भरोसे से देख रही है दुनियाः प्रधानमंत्री मोदी

सुधारों के बाद भारत की तरफ उम्मीद एवं भरोसे से देख रही है दुनियाः प्रधानमंत्री मोदी

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  • Publish Date - December 30, 2025 / 07:07 PM IST,
    Updated On - December 30, 2025 / 07:07 PM IST

(फाइल तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि की संभावनाएं बढ़ाने वाले अगली पीढ़ी के सुधारों के माध्यम से प्रगति की रफ्तार को जिस गति से बढ़ाया है, उसकी तारीफ दुनिया कर रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पेशेवर सोशल नेटवर्किंग मंच ‘लिंक्डइन’ पर अपनी एक पोस्ट में कहा कि भारत अपने लोगों के नवोन्मेषी उत्साह के कारण वैश्विक ध्यान का केंद्र बन गया है और अब दुनिया भारत को उम्मीद और भरोसे के साथ देख रही है।

उन्होंने कहा कि वह कई अवसरों पर कहते रहे हैं कि भारत सुधारों पर केंद्रित ‘रिफॉर्म एक्सप्रेस’ में सवार हो चुका है जिसका मुख्य इंजन देश की युवा आबादी और नागरिकों का अटूट संकल्प है।

उन्होंने कहा, “भारत के लिए 2025 एक ऐसा साल होगा जिसे हमने पिछले 11 वर्षों में तैयार जमीन पर सुधारों को एक सतत राष्ट्रीय मिशन के रूप में आगे बढ़ाने के लिए याद किया जाएगा। हमने संस्थाओं को आधुनिक बनाया, शासन को सरल किया और दीर्घकालीन समावेशी वृद्धि के लिए बुनियाद को मजबूत किया।”

मोदी ने कहा कि सरकार ने उच्च महत्वाकांक्षा, त्वरित निष्पादन और व्यापक रूपांतरण के साथ आगे बढ़ते हुए सुधारों को लागू किया। इन सुधारों का उद्देश्य नागरिकों को गरिमा के साथ जीवन जीने का अवसर देना, उद्यमियों को आत्मविश्वास के साथ नवाचार का मौका देना और संस्थाओं को स्पष्टता एवं भरोसे के साथ कार्य करने में सक्षम बनाना है।

प्रधानमंत्री ने जीएसटी, भारतीय बीमा कंपनियों में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति, श्रम कानूनों में सुधार और ग्रामीण रोजगार गारंटी जैसी कुछ प्रमुख पहलों का उदाहरण भी दिया।

उन्होंने जीएसटी में पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत का दो-स्तरीय कर ढांचा लागू किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे घरों, एमएसएमई, किसानों और श्रम-गहन क्षेत्रों पर बोझ कम हुआ है।

उन्होंने कहा, “इसका मकसद विवादों में कमी लाना और अनुपालन को बेहतर करना है। इस सुधार से उपभोक्ता धारणा और मांग में वृद्धि हुई है। त्योहारी मौसम में बिक्री में भी वृद्धि देखी गई।”

मोदी ने इस पोस्ट में मध्यम वर्ग को दी गई अप्रत्याशित राहत का जिक्र करते हुए कहा कि सालाना 12 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को अब आयकर नहीं देना है। इसके अलावा 1961 के पुराने आयकर अधिनियम को बदलते हुए आधुनिक और सरल आयकर अधिनियम, 2025 लागू किया गया है।

उन्होंने कहा कि इसके साथ छोटे एवं मध्यम व्यवसायों को प्रोत्साहन देने के लिए ‘छोटी कंपनियों’ की परिभाषा का विस्तार करते हुए 100 करोड़ रुपये तक कारोबार करने वाली कंपनियों को इसके दायरे में लाया गया है। इससे हजारों कंपनियों का अनुपालन बोझ और संबंधित लागत कम होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय बीमा कंपनियों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने से बीमा दायरा बढ़ेगा, प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा और नागरिकों को बेहतर विकल्प एवं सेवाएं मिलेंगी।

उन्होंने कहा कि संसद के मानसून सत्र में एक ही बार पांच समुद्री कानून पारित किए गए। इन सुधारों से समुद्री व्यापार से संबंधित दस्तावेज रखना और विवाद समाधान आसान होने के साथ लॉजिस्टिक लागत में भी कमी आएगी।

मोदी ने चार आधुनिक श्रम संहिताएं लागू किए जाने का जिक्र करते हुए कहा, “भारत ने ऐसा श्रम ढांचा तैयार किया है जो मजदूरों के हित सुरक्षित करने के साथ कारोबारी परिवेश को भी मजबूत करता है। इन सुधारों से उचित वेतन, समय पर वेतन भुगतान, बेहतर औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित होते हैं।”

प्रधानमंत्री ने न्यूजीलैंड, ओमान एवं ब्रिटेन के साथ इस साल हुए व्यापार समझौतों पर कहा कि ये निवेश बढ़ाएंगे, रोजगार सृजित करेंगे और स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करेंगे। इसके अलावा यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के साथ एफटीए भी लागू हो गया है। इससे एक भरोसेमंद और प्रतिस्पर्धी साझेदार के रूप में भारत का दर्जा मजबूत हुआ है।

उन्होंने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘शांति अधिनियम’ भारत के स्वच्छ ऊर्जा और प्रौद्योगिकी के सफर में एक परिवर्तनकारी कदम है।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण रोजगार गारंटी में भी ऐतिहासिक सुधार हुए हैं और विकसित भारत-जी राम जी अधिनियम, 2025 के तहत रोजगार गारंटी को 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है। इसका उद्देश्य ग्रामीण कार्य को उच्च आय और बेहतर संपत्ति सुनिश्चित करने का साधन बनाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये सुधार सहानुभूति और डेटा आधारित निर्णयों के साथ तैयार किए गए हैं। इस दौरान छोटे व्यवसायों, युवा पेशेवरों, किसानों, श्रमिकों और मध्यवर्ग की वास्तविकताओं को ध्यान में रखा गया है।’

उन्होंने कहा कि ये सुधार भारत को नियंत्रण-आधारित अर्थव्यवस्था से भरोसे पर आधारित अर्थव्यवस्था की तरफ ले जाने और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण को गति देने का काम करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ये सुधार एक समृद्ध एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में केंद्रित हैं। विकसित भारत का निर्माण हमारे विकास पथ का ध्रुवतारा है। हम आने वाले वर्षों में सुधार एजेंडे को निरंतर आगे बढ़ाते रहेंगे।”

उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया कि वे भारत की विकास यात्रा में विश्वास बनाए रखें और देश के लोगों में निवेश कर भारत की वृद्धि गाथा को मजबूत करें।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण