भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते से परिधान निर्यात, रोजगार बढ़ेगा : एईपीसी

भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते से परिधान निर्यात, रोजगार बढ़ेगा : एईपीसी

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  • Publish Date - July 24, 2025 / 06:20 PM IST,
    Updated On - July 24, 2025 / 06:20 PM IST

नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से बाजार पहुंच बढ़ेगी, निवेश को बढ़ावा मिलेगा और परिधान क्षेत्र में अधिक रोजगार पैदा होंगे। एईपीसी ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।

इस समझौते को आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (सीईटीए) कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के उनके समकक्ष केअर स्टार्मर की उपस्थिति में इस पर लंदन में बृहस्पतिवार को हस्ताक्षर किए गए।

परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा कि व्यापार समझौते से ब्रिटेन के बाजार में भारतीय परिधान उत्पादों को प्रतिस्पर्धी बाजार पहुंच मिलेगी।

उन्होंने कहा कि इससे सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और मानकों की पारस्परिक मान्यता में भी मदद मिलेगी, जिससे भारतीय परिधान निर्यातकों के लिए अनुपालन का बोझ कम होगा।

सेखरी ने कहा, ‘‘ शुल्क-मुक्त पहुंच के साथ आने वाले वर्षों में ब्रिटेन को परिधान निर्यात में नई तेजी और गति देखने को मिलेगी।’’

ब्रिटेन एक वैश्विक ‘फैशन’ केंद्र और दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा परिधान आयातक है। 2024 में इसने दुनियाभर से 19.7 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के परिधान का आयात किया।

भारत ने पिछले वर्ष 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के वस्त्र का निर्यात किया और ब्रिटेन के शीर्ष चार आपूर्तिकर्ताओं में से एक बन गया।

ब्रिटेन को निर्यात किए जाने वाले अधिकतर परिधान उत्पादों पर शुल्क 9.6 प्रतिशत है। भारत मुख्य रूप से सूती वस्त्रों जैसे टी-शर्ट, महिलाओं के कपड़े और बच्चों के कपड़ों का निर्यात करता है लेकिन सर्दियों के कपड़ों और मानव निर्मित रेशे (एमएमएफ) से बने कपड़ों के मामले में भारत की प्रतिस्पर्धी क्षमता कम है।

भाषा निहारिका अजय

अजय