भारतीय विमानन क्षेत्र को 2026 में सुरक्षित उड़ानों, एआई-171 हादसे की जांच रिपोर्ट का इंतजार

भारतीय विमानन क्षेत्र को 2026 में सुरक्षित उड़ानों, एआई-171 हादसे की जांच रिपोर्ट का इंतजार

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  • Publish Date - December 28, 2025 / 02:11 PM IST,
    Updated On - December 28, 2025 / 02:11 PM IST

(मनोज राममोहन/शाह इमरान अहमद)

नयी दिल्ली/मुंबई, 28 दिसंबर (भाषा) वर्ष 2025 में दुर्घटनाओं, उड़ान रद्द होने और परिचालन अव्यवस्थाओं से जूझने के बाद भारतीय विमानन क्षेत्र वर्ष 2026 में स्थिरता, सुरक्षा और दीर्घकालिक सुधारों की उम्मीद कर रहा है।

साल की सबसे बड़ी घटना में 12 जून 2025 को एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान अहमदाबाद हवाई अड्डा से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई। विमान में सवार 242 लोगों में केवल एक व्यक्ति ही जीवित बचा। वहीं, विमान के इमारत से टकराने पर दुर्घटनास्थल पर मौजूद 19 लोगों की भी जान चली गई।

नए साल की शुरुआत के साथ विमानन क्षेत्र से जुड़े लोग और आम यात्री इस हादसे की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही केदारनाथ घाटी में हेलीकॉप्टर उड़ानों की सुरक्षा और हवाई टिकटों की कीमतों में उतार-चढ़ाव कम होने की भी उम्मीद है।

साल 2025 में हवाई किराए पर नियंत्रण रखना आम चर्चा में रहा। बावजूद इसके, इंडिगो और अन्य एयरलाइन को नेटवर्क रुकावटों और एयरस्पेस बंद होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

सकारात्मक पहलू यह रहा कि नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 25 दिसंबर से संचालन में आया और नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की जनवरी 2026 से उड़ानों के लिए खुलने की उम्मीद। आने वाले समय में कुछ नई एयरलाइन के संचालन की भी संभावना है।

इंडिगो को बड़े स्तर पर परिचालन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा। नए नियम उड़ान ड्यूटी समय-सीमा (एफडीटीएल) को लागू करने में योजना की कमी के कारण हजारों उड़ानें रद्द हुईं, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई।

डीजीसीए ने इंडिगो के शीतकालीन उड़ान कार्यक्रम में 10 प्रतिशत की कटौती की और कंपनी के सीईओ और सीओओ को नोटिस जारी किए।

इस घटना से यह भी सामने आया कि घरेलू विमानन बाजार में इंडिगो (65 प्रतिशत ) और एयर इंडिया (26 प्रतिशत) का दबदबा है। यही कारण है कि डीजीसीए इंडिगो के कथित अनुचित व्यापारिक तरीकों की जांच कर रहा है।

हालांकि इंडिगो ने अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का विस्तार किया, जैसे लंदन, एम्स्टर्डम और कोपेनहेगन, और नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) की वार्षिक बैठक की मेजबानी की, जो चार दशक बाद भारत में हुई।

विमान हादसे की जांच में प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि विमान के दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति एक सेकंड के अंतर में बंद हो गई, जिससे कॉकपिट में भ्रम की स्थिति बन गई। इस पर चर्चा और अटकलें लगातार रही।

नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा कि जांच पूरी तरह पारदर्शी और नियमों के अनुसार हो रही है।

साल 2025 में केदारनाथ और पहाड़ी इलाकों में हेलीकॉप्टर उड़ानों के जोखिम और एयरस्पेस बंद होने जैसे मुद्दों ने यात्रियों की परेशानी बढ़ाई। दिल्ली हवाई अड्डे पर नवंबर में हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली में खराबी आई, जिससे 800 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुईं।

एयरलाइन को इस साल नियमों के उल्लंघन, जुर्माने और सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ा।

साल 2026 से भारतीय विमानन के लिए कई उम्मीदें हैं। सबसे पहले एयर इंडिया हादसे (एआई-171) हादसे की अंतिम जांच रिपोर्ट का इंतजार है, जो यह स्पष्ट करेगी कि हादसे के पीछे पायलट की गलती थी, विमान में तकनीकी खराबी थी या कोई अन्य वजह।

इसके साथ ही पायलटों और विमानन कर्मचारियों की काम का दबाव कम करना और कर्मचारियों की कमी को पूरा करना भी जरूरी होगा, ताकि उड़ानों का संचालन सुरक्षित और समय पर हो सके।

नई एयरलाइनों के संचालन की शुरुआत और नए उड़ान मार्ग भी यात्रियों के लिए सुविधाजनक होंगे। विमानों के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि उड़ानें सुरक्षित रहें।

इसके अलावा नए हवाई अड्डों का संचालन और हवाई शुल्क व्यवस्था में स्पष्टता आने से पूरे विमानन क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) के अनुसार, भारत अब तक चुनौतीपूर्ण विमानन बाजार रहा है, लेकिन भविष्य में यह एक मजबूत और सफल विमानन बाजार बनने की पूरी संभावना रखता है।

भाषा योगेश पाण्डेय

पाण्डेय