भारतीय रियल एस्टेट का आकार पिछले नौ साल में 73 प्रतिशत बढ़कर 482 अरब डॉलर परः रिपोर्ट

भारतीय रियल एस्टेट का आकार पिछले नौ साल में 73 प्रतिशत बढ़कर 482 अरब डॉलर परः रिपोर्ट

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  • Publish Date - April 12, 2024 / 03:21 PM IST,
    Updated On - April 12, 2024 / 03:21 PM IST

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) आवासीय एवं वाणिज्यिक संपत्तियों की बेहतर मांग और उच्च आर्थिक वृद्धि की वजह से भारतीय रियल एस्टेट बाजार का आकार वर्ष 2015 से 73 प्रतिशत उछलकर 482 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है।

संपत्ति के बारे में परामर्श देने वाली नाइट फ्रैंक और उद्योग मंडल सीआईआई की तरफ से शुक्रवार को संयुक्त रूप से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का रियल एस्टेट बाजार वर्ष 2034 तक करीब तिगुना होकर 1,487 अरब डॉलर का हो जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रियल एस्टेट बाजार का आकार वर्ष 2015 में 279 अरब डॉलर था और वर्ष 2024 में बढ़कर 482 अरब डॉलर हो चुका है जो कुल आर्थिक उत्पादन का 7.3 प्रतिशत है। बढ़ती अर्थव्यवस्था के समर्थन से देश में रियल एस्टेट क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।

भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र का लगभग 250 सहायक उद्योगों से किसी-न-किसी तरह का संबंध है। सलाहकार फर्म ने कहा कि यह कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक रोजगार पैदा करने वालों में से एक है, जो कुल रोजगार का 18 प्रतिशत है।

सीआईआई-नाइट फ्रैंक इंडिया रिपोर्ट का अनुमान है कि 2034 तक भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र का विस्तार 1.5 लाख करोड़ डॉलर तक होने की उम्मीद है, जो कुल आर्थिक उत्पादन में 10.5 प्रतिशत का योगदान देगा।

सलाहकार कंपनी ने रियल एस्टेट क्षेत्र के बाजार आकार में वृद्धि के लिए बढ़ती आवासीय मांग, कार्यालय स्थल की जरूरत में वृद्धि, होटल और खुदरा क्षेत्र के विस्तार को जिम्मेदार ठहराया है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (शोध, परामर्श, बुनियादी ढांचा एवं मूल्यांकन) गुलाम जिया ने कहा, ‘आने वाले दशक में भारत की आर्थिक उन्नति में अभूतपूर्व उछाल आएगा, जिसमें रियल एस्टेट क्षेत्र आधारशिला बनने के लिए तैयार है।’

वर्ष 2034 में आवासीय बाजार 906 अरब डॉलर मूल्य का हो जाने की उम्मीद है जबकि कार्यालय क्षेत्र 125 अरब डॉलर का योगदान देगा।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण