जमा पर ब्याज दरें चरम पर हैं; मध्यम अवधि में नीचे आने की उम्मीद : एसबीआई चेयरमैन

जमा पर ब्याज दरें चरम पर हैं; मध्यम अवधि में नीचे आने की उम्मीद : एसबीआई चेयरमैन

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  • Publish Date - June 12, 2024 / 07:24 PM IST,
    Updated On - June 12, 2024 / 07:24 PM IST

नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा है कि जमा पर ब्याज दरें अपने चरम पर हैं और मध्यम अवधि में इनके नीचे आने की उम्मीद है।

देश के सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंक ने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही से ब्याज दर चक्र को आसान बनाना शुरू कर सकता है।

पिछले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक ने मजबूत आर्थिक वृद्धि के बीच मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करते हुए लगातार आठवीं बार अपनी प्रमुख नीतिगत दर रेपो को यथावत रखा था।

खारा ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अक्टूबर से शुरू होने वाली तीसरी तिमाही में शायद मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत की ओर बढ़ने की कुछ संभावना होगी, और वह सही समय होगा जब हम रिजर्व बैंक से नीतिगत दर में कुछ कटौती की उम्मीद कर सकते हैं।’’

स्विट्जरलैंड, स्वीडन, कनाडा और यूरो क्षेत्र जैसी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के कुछ केंद्रीय बैंकों ने वर्ष 2024 के दौरान दरों को कम करने का चक्र शुरू कर दिया है।

दूसरी ओर, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की बाजार उम्मीदें, जो पहले अधिक थीं, अब कम हो गई हैं।

जहां तक ​​बैंकिंग प्रणाली में ब्याज दर का सवाल है, खारा ने कहा कि कमोबेश ये पहले ही चरम पर हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आगे जाकर, हमें कुछ मामूली बदलाव देखने को मिलेंगे…मुझे लगता है, अगर हम ब्याज दर के मध्यम अवधि के प्रक्षेपवक्र को देखें, तो शायद इसमें गिरावट का रुख होगा।’’

पिछले महीने एसबीआई ने चुनिंदा अल्पकालिक परिपक्वता वाली सावधि जमा पर ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत तक की वृद्धि की थी।

खुदरा सावधि जमा के तहत 46-179 दिन की जमा पर ब्याज दर को 0.75 प्रतिशत बढ़ाकर 5.50 प्रतिशत कर दिया गया है। पहले यह 4.75 प्रतिशत थी।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय