आईएनएक्स मीडिया को चिंदबरम ने कार्ति की मदद का निर्देश दिया था : ईडी

आईएनएक्स मीडिया को चिंदबरम ने कार्ति की मदद का निर्देश दिया था : ईडी

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  • Publish Date - March 25, 2021 / 01:33 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया के पूर्व प्रवर्तकों को अपने पुत्र कार्ति के कारोबार में मदद करने का निर्देश दिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने आरोप पत्र में यह कहा है।

आरोप पत्र में कहा गया है कि चिदंबरम का यह निर्देश मनी लॉड्रिंग (धन शोधन) के महत्वपूर्ण कदमों में था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने अपने पुत्र के कारोबार के हितों में मदद के लिए यह निर्देश दिया था।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने दावा किया कि 75 वर्षीय कांग्रेस के नेता अपने पुत्र और सांसद कार्ति चिदंबरम के साथ मनी में लॉंड्रिंग पूरी तरह शामिल थे। साथ ही वह उन कंपनियों के कामों में भी शामिल थे जिनका स्वामित्व उनके पुत्र के पास था। इनमें से कुछ कंपनियों को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है।

ईडी ने दावा किया उसने डिजिटल उपकरणों से ऐसे ई-मेल पकड़े हैं जिनसे पता चलता है कि कार्ति पूर्व में अपने स्वामित्व वाली कंपनी एडवांटेड स्ट्रैटिजिक कंसल्टिंग् लि. (एएससीपीएल) के संबंधित मामलों में अपने पिता से विचार-विमर्श करते थे।

धन शोधन रोधक कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत ऐसे मामलों पर गौर करने वाली विशेष अदालत ने बुधवार को ईडी के आरोप पत्र पर चिदंबरम और कार्ति सहित सभी 10 आरोपियों को समन जारी कर सात अप्रैल को पेश होने को कहा है।

अदालत ने कहा कि उसके पास चिदंबरम, उनके पुत्र, कार्ति के चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्कररमन, आईएनएक्स मीडिया के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीटर मुखर्जी और आईएनएक्स मीडिया और आईएनएक्स न्यूज सहित छह कंपनियों के खिलाफ मामला चलाने के लिए पर्याप्त प्रमाण हैं।

पी चिदंबरम ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि आरोपियों को समन एक नियमित प्रक्रिया है।

ईडी के आरोप पत्र में दावा किया गया है कि ई-मेल आदि से पता चलता है कि चिदंबरम अपने पुत्र कार्ति की कंपनियों के कामकाज में शामिल थे। इसके अलावा वह कार्ति के गैर-कानूनी मामलों को देखने वाले भास्कररमन के भी संपर्क में थे।

भास्कररमन और पी चिदंबरम को ईडी ने पूर्व में इस मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।

ईडी का यह आरोप पत्र पीटीआई के पास भी मौजूद है। इसमें कहा गया है कि चिदंबरम के निर्देश मनी लॉड्रिंग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम थे।

ईडी ने दावा किया कि लोग पी चिदंबरम से काम कराने के लिए उनके पुत्र और सहयोगियों से संपर्क करते थे। इसके एवज में कार्ति उन कंपनियों के लिए अनुचित लाभ लेते थे, जिनपर उनका सीधा स्वामित्व नहीं था। अपने नजदीकी लोगों के जरिये वह यह लाभ लेते थे।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर