नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और दो घरेलू इंजन विनिर्माता कंपनियां डीजल में पांच प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण की संभावना पर काम कर रही हैं।
देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी आईओसी के निदेशक (शोध एवं विकास) एस एस वी रामकुमार ने सोमवार को कहा कि डीजल में एथनॉल मिश्रण का परीक्षण प्रयोगशाला में और दो इंजन विनिर्माताओं के शोध एवं विकास केंद्रों में चल रहा है।
वाहन विनिर्माताओं के निकाय सियाम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘दो प्रमुख भारतीय हेवी-ड्यूटी डीजल इंजन विनिर्माता, इंडियन ऑयल और एक अन्य तेल विपणन कंपनी के साथ डीजल में पांच प्रतिशत एथनॉल मिश्रण पर काम कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में एक प्रमुख आशंका यह है कि मिश्रण में ईंधन इंजेक्टर के साथ कुछ समस्याएं आ सकती हैं।
रामकुमार ने कहा, ‘‘इसलिए हम उत्सुकता से प्रयोग कर रहे हैं और एथनॉल मिश्रण के प्रभाव को देख रहे हैं। मुझे लगता है कि अगले छह माह में आपको हमारी ओर से इस बारे में कुछ बताया जाएगा।’’
फिलहाल पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाया जाता है और सरकार 2025 तक इस मात्रा को दोगुना करने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि डीजल में एथनॉल मिलाना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश के परिवहन क्षेत्र में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ईंधन है।
रामकुमार ने कहा कि बताया कि मौजूदा वाहनों में ई-20 ईंधन के इस्तेमाल पर अध्ययन लगभग पूरे होने वाले हैं, लेकिन दीर्घावधि का परीक्षण इस साल जुलाई तक ही पूरा हो पाएगा।
भाषा अजय अजय प्रेम
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