ममता ने कर्ज के डर को खारिज किया, छोटे उद्यमों को प्रोत्साहन से होगी आर्थिक वृद्धि

ममता ने कर्ज के डर को खारिज किया, छोटे उद्यमों को प्रोत्साहन से होगी आर्थिक वृद्धि

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  • Publish Date - December 17, 2025 / 09:32 PM IST,
    Updated On - December 17, 2025 / 09:32 PM IST

कोलकाता, 17 दिसंबर (बाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि छोटे और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को प्रोत्साहन देकर राज्य की आर्थिक वृद्धि होगी।

उन्होंने साथ ही जोड़ा कि रणनीतिक भौगोलिक स्थिति के चलते पश्चिम बंगाल पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत की वाणिज्यिक राजधानी के रूप में उभरा है।

बनर्जी ने यहां कन्फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेडर्स एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में उन आरोपों को खारिज किया, जिनमें कहा जा रहा है कि राज्य का कर्ज लगभग सात लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

हालांकि, उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि राज्य पर बकाया कर्ज कितना है।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष के उस दावे का परोक्ष रूप से जवाब दिया, जिसमें बढ़ते कर्ज और राज्य से कारोबार के पलायन के चलते आर्थिक कमजोरी की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा, ”कुछ लोग केवल नकारात्मकता फैलाते हैं। वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि आलोचकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि पश्चिम बंगाल वित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) ढांचे के भीतर सख्ती से काम करता है, जबकि केंद्र सरकार की ओर से 1.97 लाख करोड़ रुपये के बड़े बकाये लंबित होने के बावजूद विकास कार्य जारी हैं।

उन्होंने कहा, ”हमें सभी परियोजनाएं चलानी पड़ती हैं, भले ही केंद्र हमारी देनदारी का भुगतान न करे।”

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों तथा पड़ोस की दुकानों की भूमिका पर जोर देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि एमएसएमई और स्थानीय दुकानें अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और रोजगार सृजन की कुंजी हैं।

उन्होंने कहा, ”छोटा ही सुंदर है। एमएसएमई अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखते हैं…। नीतिगत समर्थन से बेरोजगारी कम करने और छोटे व्यापारियों को ऋण देने में मदद मिली है।’’

आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का निर्यात 1.15 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है, जबकि पंजीकृत कंपनियों की संख्या 2.5 लाख से ज्यादा है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल कृषि में आगे है और जूट से लेकर चावल तक विभिन्न फसलों के उत्पादन में अग्रणी बना हुआ है।

बनर्जी ने बताया कि राज्य में 93 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं और राष्ट्रीय रैंकिंग के अनुसार कारोबारी सुगमता में राज्य का प्रदर्शन बेहतर हुआ है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण