मांग कमजोर होने से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट

मांग कमजोर होने से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट

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  • Publish Date - August 20, 2025 / 08:04 PM IST,
    Updated On - August 20, 2025 / 08:04 PM IST

नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) कमजोर मांग के कारण घरेलू तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट देखने को मिली। महाराष्ट्र में प्लांट वालों की मांग की वजह से सोयाबीन तिलहन में सुधार आया जबकि नीरस कारोबार के दौरान मूंगफली तेल-तिलहन स्थिर बने रहे।

शिकॉगो और मलेशिया एक्सचेंज में भी गिरावट जारी है।

सूत्रों ने कहा कि स्थिति ऐसी बनी हुई है कि पिछले काफी समय आयातक लागत से नीचे दाम पर अपना माल बंदरगाहों पर बेच रहे हैं। उनकी पैसों की तंगी की ऐसी हालत है कि वे आयातित माल को रोककर रखने की स्थिति में नहीं हैं। छोटे तेल कारोबारी की स्थिति बिगड़ी हुई है और मौजूदा स्थिति बनी रही तो छोटे तेल कारोबारी कारोबार समेट लेंगे और बड़े कारोबारी ही बच पायेंगे।

उन्होंने कहा कि जिन संगठनों को मिलावटी बिनौला खल से पीड़ित किसानों, कपास के घटते रकबे आदि जैसी देश की समस्याओं को उठाने की जिम्मेदारी होनी चाहिये थी, उन्हें और अन्य समीक्षकों, विशेषज्ञों को सिर्फ पाम-पामोलीन के आयात शुल्कों के अंतर के बारे में या ब्राजील या फिर मलेशिया के बाजारों के बारे में चिंता करते पाया जाता है। घरेलू तेल-तिलहन उद्योग, आयातकों की स्थिति, छोटे खाद्य तेल कारोबारियों की आर्थिक स्थिति के बारे में किसी की रुचि नहीं दिखती।

महंगा होने के कारण लिवाली कमजोर रहने से सरसों तेल-तिलहन में गिरावट है। वहीं महाराष्ट्र में प्लांट वालों की मांग के कारण सोयाबीन तिलहन में सुधार है मगर शिकॉगो एक्सचेंज के कमजोर रहने से सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट है। मलेशिया एक्सचेंज के कमजोर रहने से सीपीओ और पामोलीन के दाम में भी गिरावट है। बेहद सुस्त कारोबार के बीच बिनौला तेल के दाम भी टूट गये। वहीं नीरस और सुस्त कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम स्थिर रहे।

सूत्रों ने कहा कि अक्टूबर के आसपास सोयाबीन, मूंगफली, बिनौला जैसी नयी फसल बाजार में आयेगी। इनके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पहले से बढ़े हुए हैं। पिछले कम एमएसपी वाला माल खपने में मुश्किल आ रही है तो नये बढ़े हुए एमएसपी वाली फसलें कैसे खपेंगी इसके बारे में सोचना पड़ेगा।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,175-7,225 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,700-6,075 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,210-2,510 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,650 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,600-2,700 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,600-2,735 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,700 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,250 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,200 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,775-4,825 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,475-4,575 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय