‘नीली अर्थव्यवस्था’ का ऑडिट करने के लिए नई तकनीकों को विकसित करने की जरूरत: कैग

'नीली अर्थव्यवस्था' का ऑडिट करने के लिए नई तकनीकों को विकसित करने की जरूरत: कैग

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  • Publish Date - June 12, 2023 / 12:40 PM IST,
    Updated On - June 12, 2023 / 12:40 PM IST

पणजी, 12 जून (भाषा) प्रधान लेखापरीक्षा संस्थानों को समुद्री या नीली अर्थव्यवस्था के ऑडिट के लिए नई तकनीकों और क्षमताओं का विकास करना चाहिए। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मू ने सोमवार को यह बात कही।

उन्होंने कहा कि टिकाऊ विकास सुनिश्चित करने के लिए ऐसा करना जरूरी है।

मुर्मू ने जी20 देशों के प्रधान लेखापरीक्षा संस्थानों (साई20) की तीन दिवसीय बैठक का उद्घाटन करते हुए कहा, ”प्रधान लेखापरीक्षा संस्थानों (साई) को अपने ऑडिट के जरिए प्रगति पर नजर रखने, कार्यान्वयन की निगरानी और सुधार के अवसरों की पहचान करके खुद को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ जोड़ना चाहिए।”

इस बैठक का आयोजन भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत किया गया है।

उन्होंने कहा कि नीली अर्थव्यवस्था का महत्व बढ़ने के साथ ही इसके ऑडिट का महत्व भी बढ़ेगा और ऐसे में साई20 समुदाय को नई तकनीकों, कौशल, क्षमताओं और विधियों तक पहुंच में एक दूसरे को सहयोग देना चाहिए।

कैग ने साई इंडिया के ‘पर्यावरण लेखापरीक्षा एवं संवहनीय विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय केंद्र’ में नीली अर्थव्यवस्था के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की घोषणा भी की।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय