न्यूजीलैंड ने एफटीए के तहत 15 वर्ष में भारत में 20 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई

न्यूजीलैंड ने एफटीए के तहत 15 वर्ष में भारत में 20 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई

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  • Publish Date - December 22, 2025 / 05:37 PM IST,
    Updated On - December 22, 2025 / 05:37 PM IST

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते के तहत न्यूजीलैंड ने अगले 15 वर्ष में भारत में 20 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

यह प्रतिबद्धता भारत द्वारा इस वर्ष अक्टूबर में चार देशों के यूरोपीय समूह ईएफटीए (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) के साथ किए गए इसी प्रकार के व्यापार समझौते के अनुरूप है। उस समझौते के तहत ईएफटीए ने 15 वर्ष में 100 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।

दोनों देशों ने वार्ता संपन्न होने की सोमवार को घोषणा की है। अगले तीन महीनों में इस पर हस्ताक्षर होने की संभावना है और इसके बाद इसे लागू किया जाएगा क्योंकि इसके लिए न्यूजीलैंड की मंजूरी आवश्यक है।

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘ न्यूजीलैंड ने अगले 15 वर्ष में भारत में 20 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई है जिससे भारत के ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण के तहत विनिर्माण, बुनियादी ढांचे, सेवाओं, नवाचार एवं रोजगार को समर्थन मिलेगा।’’

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 20 अरब अमेरिकी डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की प्रतिबद्धता एक पुनर्संतुलन तंत्र द्वारा समर्थित है जिसके तहत यदि यह प्रतिबद्धता पूरी नहीं होती है तो लाभ निलंबित कर दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि इसमें केवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) शामिल होगा न कि एफपीआई/एफआईआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश या विदेशी संस्थागत निवेश)।

मंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ हमें दीर्घकालिक स्थायी पूंजी मिलेगी। 20 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता में एफपीआई और एफआईआई शामिल नहीं हैं।’’

भारत को अप्रैल 2000 और सितंबर 2025 के बीच 88.24 अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए हैं।

भारत की मुख्य वार्ताकार एवं मंत्रालय में संयुक्त सचिव पेटल ढिल्लों ने कहा कि विनिर्माण और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में निवेश आ सकता है।

गोयल ने कहा, ‘‘ एक ऐसे देश से 1.80 लाख करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता जिसने अब तक भारत में बहुत कम मात्रा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया है। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।’’

भाषा निहारिका पाण्डेय

पाण्डेय