कम समय, गलत अनुमान के कारण ओएनजीसी के जहाज ताउते तूफान में फंसे : सूत्र

कम समय, गलत अनुमान के कारण ओएनजीसी के जहाज ताउते तूफान में फंसे : सूत्र

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  • Publish Date - May 20, 2021 / 02:44 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:40 PM IST

नयी दिल्ली 20 मई (भाषा) ताउते तूफान के दौरान अरब सागर में ओएनजीसी के जहाजों के फंसने की घटना का कारण संभवत: अधूरी जानकारी, कम समय और ताउते तूफान के मार्ग का गलत अनुमान है। ओएनजीसी से जुड़े उच्च सूत्रों ने यह जानकारी दी।

ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के तेल निकालने वाले बड़े जहाज समेत निजी कॉन्ट्रैक्टर एफकॉन्स के तीन जहाज सोमवार रात को ताउते तूफान की चपेट में आने के बाद बह गए। ये तीनों जहाज सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के तेलफील्ड में काम कर रहे थे। इस घटना में चालक दल के कई सदस्य लापता हो गए हैं और कई लोगों की मौत भी हो गई हैं।

भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल और ओएनजीसी के जहाज खुदाई जहाज और अन्य जहाजों पर मौजूद कर्मचारियों को बचाने के लिए बड़ा बचाव अभियान चला रहे है। लेकिन वे अबतक 261 में से केवल 186 कर्मचारियों को बचा सके हैं, जबकि 37 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी हैं और 38 लोग अभी भी लापता हैं।

इस मामले की पूरी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘‘तेल तलाशने और तेल की खुदाई में इस्तेमाल किये जाने वाले यंत्रों को कठिन मौसम की स्थिति में भी काम करने के उद्देश्य से तैयार किया जाता है। मुंबई अपतटीय पर ये यंत्र 75 मीटर से 200 मीटर के बीच पानी की गहराई में खड़े हैं।’’

सूत्र ने कहा, ‘‘खराब मौसम की स्थिति में कर्मचारियों को तब ही निकाला जाता है जब स्थिति संभालने लायक न हो। इस तरह के निर्णय हालांकि ऑपरेटर द्वारा प्राप्त मौसम की जानकारी पर निर्भर होते हैं। ताउते तूफ़ान के मामले में हवाओं की गति से लेकर वायुमंडलीय दबाव और तूफ़ान के मार्ग का आंकलन करने में चूक हुई।’’

उसने कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कामकाज रोकने या अस्थायी रूप से बंद करने में एक सप्ताह का समय लगता है। ऐसी स्थिति में जहाजों को खुदाई की जगह से हटाना होता है और कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना होता है। ताउते तूफ़ान के मामलें में यह सब कदम उठाने का समय नहीं था। तूफ़ान का मार्ग और उसका प्रभाव का आंकलन सही से नहीं हो सका जिसके कारण यह घटना घटी।’’

एक अन्य सूत्र ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में जहाज तथा चालक दल की सुरक्षा के लिए कोई भी निर्णय लेने की सभी शक्तियां जहाज चालक यानी कप्तान के पास होती है। हम अभी तक नहीं जानते हैं कि जहाज चालक ने तूफान के दौरान जो किया वह क्यों किया। इस मामले में विस्तार से जानने के लिए एक जांच समिति का गठन पहले ही किया जा चुका है।’

पेट्रोलियम मंत्रालय ने बुधवार को जहाजों के फंसे होने के मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।

भाषा जतिन रमण

रमण