मुंबई, 24 अगस्त (भाषा) देश में उपभोक्ता टिकाऊ सामान बनाने वाले (एफएमसीडी) क्षेत्र ने पिछले दो वर्षों में नियुक्ति में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, लेकिन महिलाओं का प्रतिनिधित्व अभी भी कार्यबल का केवल नौ प्रतिशत है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
सीआईईएल एचआर की ‘एफएमसीडी क्षेत्र: प्रतिभा रुझान और अंतर्दृष्टि शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, देश के एफएमसीडी क्षेत्र में मई 2023 से मई 2025 तक नियुक्ति में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
देश के एफएमसीडी क्षेत्र में काम करने वाले 1,00,000 कार्यकारियों और 1,005 नौकरी के विज्ञापनों से मिली जानकारी के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गयी है।
रिपोर्ट में भारत में काम कर रही एफएमसीडी कंपनियों के करियर खंड से मिली जानकारी भी शामिल है।
इसमें कहा गया है कि क्षेत्र की मजबूत वृद्धि के बावजूद एफएमसीडी क्षेत्र में महिलाएं कुल कार्यबल का केवल नौ प्रतिशत हैं, जो कि प्रमुख क्षेत्रों में सबसे कम है।
दीर्घकालिक संरचनात्मक बाधाओं के कारण विनिर्माण, बिक्री और तकनीकी भूमिकाओं में उनका प्रतिनिधित्व विशेष रूप से कम है।
सीआईईएल एचआर सर्विसेज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदित्य नारायण मिश्रा ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘जो कंपनियां अपनी कार्यबल में महिलाओं की कम भागीदारी को सक्रिय रूप से सुधारेंगी, वे न केवल अधिक प्रतिभाओं को आकर्षित करेंगी, बल्कि विभिन्न दृष्टिकोणों का फायदा उठाकर नवाचार और उपभोक्ता समझ में भी सुधार कर सकेंगी क्योंकि महिलाएं उपभोक्ता खरीद निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।’’
भाषा योगेश रमण
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