मुद्रास्फीति को दायरे में लाने का आधा काम ही हुआ: आरबीआई गवर्नर

मुद्रास्फीति को दायरे में लाने का आधा काम ही हुआ: आरबीआई गवर्नर

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  • Publish Date - June 22, 2023 / 07:29 PM IST,
    Updated On - June 22, 2023 / 07:29 PM IST

मुंबई, 22 जून (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महीने की शुरुआत में हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में नीतिगत दर को स्थिर रखने की वकालत करते हुए कहा था कि मुद्रास्फीति को निर्धारित दायरे के भीतर लाने में अभी आधी कामयाबी ही मिल पाई है।

गत छह-आठ जून को हुई एमपीसी बैठक में नीतिगत रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने का फैसला किया गया था। यह लगातार दूसरा मौका था जब रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया।

बृहस्पतिवार को सामने आए एमपीसी बैठक के ब्योरे के मुताबिक, आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत के वृहद-आर्थिक आधार मजबूत हो रहे हैं और वृद्धि संभावनाएं लगातार बेहतर हो रही हैं और उनका विस्तार हो रहा है।

उन्होंने बैठक में कहा कि मुद्रास्फीति कम हुई है और बाह्य क्षेत्र का परिदृश्य बेहतर हुआ है। बैंकों और कंपनियों के बहीखाते लचीले एवं स्वस्थ दिखाई देते हैं जिससे वृद्धि के लिए दोहरे बहीखाता लाभ की स्थिति बनती दिख रही है।

दास ने कहा, ‘मुद्रास्फीति को निर्धारित सीमा के भीतर लाने का हमारा काम अभी आधा ही हुआ है। मुद्रास्फीति के खिलाफ हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। हमें उभरते मुद्रास्फीति-वृद्धि परिदृश्य का आकलन करने की जरूरत है और जरूरत होने पर कदम उठाने के लिए तैयार रहें।’

एमपीसी बैठक के ब्योरे के मुताबिक, आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘मौजूदा दौर की अनिश्चितताओं को देखते हुए नीतिगत दर में बढ़ोतरी के इस चक्र में भावी कदम के बारे में कोई निश्चित मार्गदर्शन दे पाना मुश्किल है।’

सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घटबढ़ के साथ चार प्रतिशत तक सीमित रखने का दायित्व सौंपा हुआ है।

इस बीच, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति मई में घटकर 4.25 फीसदी पर आ गयी।

एमपीसी बैठक में रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने के पक्ष में मतदान करते समय डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने कहा कि इसे तेज उछाल वाली पिच पर बीच का स्टंप गॉर्ड लेने की एहतियाती कोशिश के रूप में देखा जाना चाहिए।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण