चालू खरीफ सत्र में अबतक धान बुवाई का रकबा 5.62 प्रतिशत घटकर 383.99 लाख हेक्टेयर पर

चालू खरीफ सत्र में अबतक धान बुवाई का रकबा 5.62 प्रतिशत घटकर 383.99 लाख हेक्टेयर पर

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  • Publish Date - September 2, 2022 / 03:38 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:57 PM IST

नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) कुछ राज्यों में बारिश कम होने के कारण चालू खरीफ सत्र में अबतक धान फसल का रकबा 5.62 प्रतिशत घटकर 383.99 लाख हेक्टेयर रह गया है। कृषि मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

एक साल पहले की समान अवधि में धान की बुवाई 406.89 लाख हेक्टेयर में की गई थी।

धान मुख्य खरीफ फसल है और इसकी बुवाई जून से दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है और अक्टूबर से कटाई की जाती है।

चालू खरीफ सत्र में अब तक झारखंड में धान की बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले 9.80 लाख हेक्टेयर कम है जबकि मध्य प्रदेश में 6.32 लाख हेक्टेयर, पश्चिम बंगाल में 4.45 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 3.91 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 2.61 लाख हेक्टेयर और बिहार में धान बुवाई का रकबा पिछले साल से 2.18 लाख हेक्टेयर कम है।

वहीं ओडिशा (84,000 हेक्टेयर), आंध्र प्रदेश (31,000 हेक्टेयर), असम (29,000 हेक्टेयर), मेघालय (21,000 हेक्टेयर), पंजाब (12,000 हेक्टेयर), जम्मू-कश्मीर (5,000 हेक्टेयर), मिजोरम (3,000 हेक्टेयर), सिक्किम (2,000 हेक्टेयर) और त्रिपुरा (1,000 हेक्टेयर) में धान बुवाई के रकबे में खास गिरावट नहीं आई है।

धान के अलावा चालू खरीफ सत्र में अबतक 129.55 लाख हेक्टेयर के साथ दलहन की बुवाई में मामूली गिरावट आई है। एक साल पहले की समान अवधि में यह रकबा 135.46 लाख हेक्टेयर था।

अरहर दलहन का रकबा पिछले साल के 47.56 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 44.86 लाख हेक्टेयर में मामूली रूप से कम है। उड़द का रकबा 36.62 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 38.18 लाख हेक्टेयर था।

तिलहन बुवाई का रकबा भी पिछड़ रहा है क्योंकि चालू खरीफ सत्र में दो सितंबर तक 188.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी बुवाई हुई थी। एक साल पहले की समान अवधि में यह रकबा 189.66 लाख हेक्टेयर था।

हालांकि, मोटे-सह-पोषक अनाज के मामले में, बुवाई बढ़कर 178.96 लाख हेक्टेयर हो गयी है, जो पिछले साल की समान अवधि में 171.62 लाख हेक्टेयर थी।

नकदी फसलों में कपास का रकबा बढ़कर 125.69 लाख हेक्टेयर पर है और गन्ने का रकबा एक साल पहले की समान अवधि तुलना में थोड़ा बढ़कर 55.65 लाख हेक्टेयर से थोड़ा अधिक रहा। आंकड़ों से पता चलता है कि चालू खरीफ सत्र में अब तक जूट/मेस्टा खेती का रकबा 6.95 लाख हेक्टेयर पर लगभग अपरिवर्तित रहा।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, जून-अगस्त की अवधि के दौरान देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की छह प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। हालांकि, देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में इसी अवधि में 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है।

पूरे देश में सितंबर के दौरान मासिक वर्षा सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय