मुंबई, नौ दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को यहां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और कुछ निजी बैंकों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और टिकाऊ वृद्धि को समर्थन करने के लिए ब्याज दर कटौती का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने का आग्रह किया।
फरवरी, 2025 से आरबीआई ने अब तक रेपो दर में कुल 1.25 प्रतिशत अंक की कटौती करके इसे 5.25 प्रतिशत कर दिया है। भारत ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि बैंकों के प्रबंध निदेशकों (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ बैठक के दौरान गवर्नर ने कहा कि वर्ष 2025 में बैंकिंग क्षेत्र की सेहत और कामकाज में लगातार सुधार हुआ है लेकिन बैंकों को लापरवाही से बचना चाहिए और बदलते माहौल में सतर्क रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नीतिगत ब्याज दर में 1.25 प्रतिशत की कटौती और प्रौद्योगिकी के अधिक इस्तेमाल को जोड़ने से मध्यस्थता लागत में कमी और कार्यक्षमता में बढ़ोतरी होनी चाहिए, जिससे टिकाऊ वृद्धि और अधिक वित्तीय समावेशन को समर्थन मिलेगा।
मल्होत्रा ने बेहतर ग्राहक सेवा पर ज़ोर देते हुए बैंकों से शिकायतों को कम करने और आंतरिक प्रणाली को मज़बूत करने पर ध्यान देने का आग्रह किया।
उन्होंने डिजिटल धोखाधड़ी से बढ़ते जोखिमों पर प्रकाश डाला और अधिक मज़बूत, जानकारियों से लैस सुरक्षा उपायों की मांग की।
ग्राहकों की दोबारा केवाईसी और बिना दावे वाली जमाओं पर बैंकों के प्रयासों की सराहना करते हुए आरबीआई गवर्नर ने सक्रिय पहुंच और लगातार जागरूकता अभियानों को प्रोत्साहित किया।
उन्होंने नियमों के सुदृढ़ीकरण और सरलीकरण में हाल की पहलों का ज़िक्र करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक के सलाहकारी दृष्टिकोण की पुष्टि की।
बैठक में डिप्टी गवर्नर टी रबि शंकर, स्वामिनाथन जे, पूनम गुप्ता और एस सी मुर्मू के साथ निगरानी, विनियमन, प्रवर्तन एवं उपभोक्ता प्रशिक्षण और वित्तीय समावेशन के प्रभारी कार्यकारी निदेशक भी मौजूद थे।
यह बैठक रिजर्व बैंक की विनियमित संस्थाओं के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ चल रही बातचीत का हिस्सा है। इस तरह की पिछली बैठक 27 जनवरी, 2025 को हुई थी।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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