नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) उपभोक्ता आयोग में लंबित मामलों की संख्या में कमी आई है और यह कुछ घटकर 5.45 लाख रही। इन मामलों की संख्या पिछले साल दिसंबर में 5.55 लाख थी।
सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि वह लंबित मामलों निपटान के लिए एआई (कृत्रिम मेधा)-सक्षम समाधानों का उपयोग करने की योजना बना रही है।
भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग ने आंध्र प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग के साथ मिलकर विशाखापत्तनम में शुक्रवार को ‘आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, कर्नाटक, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना में उपभोक्ता संरक्षण’ पर एक-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कार्यशाला में उपभोक्ता संरक्षण ढांचे, मानकों के विकास और प्रवर्तन, मूल्य निगरानी और मूल्य स्थिरीकरण और विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 के माध्यम से मात्रा सुनिश्चित करने जैसे मुख्य मुद्दों पर चर्चा की गई।
बयान के अनुसार, उपभोक्ता आयोगों में लंबित मामलों में गिरावट का रुख देखा गया है। उपभोक्ता आयोग में लंबित मामलों की संख्या सितंबर 2023 में घटकर 5.45 लाख रह गई है, जो दिसंबर 2022 में 5.55 लाख थी।
कार्यशाला में सात राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के राज्य आयोगों और जिला आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों ने भी भाग लिया।
भाषा अनुराग रमण
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