Reliance becomes the country's largest producer of fuel from stubble
नई दिल्ली। सिर्फ एक साल पहले जैव ऊर्जा के क्षेत्र में उतरने वाला रिलायंस, पराली से ईंधन बनाने वाला देश का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में कंपनी ने पहला कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्लांट स्थापित किया है। इसके लिए रिलायंस ने स्वदेशी तौर पर कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) तकनीक विकसित की है। इस तकनीक का विकास रिलायंस की जामनगर स्थित दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी में किया गया। इसकी जानकारी रिलायंस की 46वीं वार्षिक आम सभा में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने दी।
10 महीने में लगा पहला कंप्रेस्ड बायोगैसप्लांट
वार्षिक आम बैठक में कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्लांट की जानकारी देते हुए मुकेश अंबानी ने कहा, “हमने रिकॉर्ड 10 महीने में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में प्लांट लगाया है, हम तेजी से पूरे भारत में 25 प्लांट्स और लगाएंगे। हमारा लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 100 से अधिक प्लांट लगाने का है। इन प्लांट्स में 55 लाख टन कृषि-अवशेष और जैविक कचरा खप जाएगा। जिससे लगभग 20 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा और सालाना 25 लाख टन जैविक खाद का उत्पादन होगा।“
बताते चलें कि भारत में लगभग 23 करोड़ टन गैर-मवेशी बायोमास (पराली) का उत्पादन होता है और इसका अधिकांश भाग जला दिया जाता है। जिससे वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता है। सर्दियों के दौरान राजधानी दिल्ली समेत कई भारतीय शहर पराली जलाने के कारण गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में आ जाते हैं। रिलायंस की इस पहल से वायु प्रदूषण में खासी कमी आने की उम्मीद है।
अगले 5 वर्षों में 100 और प्लांट लगेंगे
पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी रिलायंस हाथ आजमाने को तैयार है। पवन चक्कियों के ब्लेड बनाने में इस्तेमाल होने वाले कार्बन फाइबर का बड़े पैमाने पर निर्माण कर, कंपनी इन ब्लेड्स की कीमत कम रखना चाहती है। इसके लिए रिलायंस दुनिया भर की विशेषज्ञ कंपनियों से हाथ मिला रही है। रिलायंस का लक्ष्य 2030 तक कम से कम 100 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का है।