ऋण गारंटी योजना के तहत 44 लाख एमएसएमई के लिये 1.77 लाख करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर

ऋण गारंटी योजना के तहत 44 लाख एमएसएमई के लिये 1.77 लाख करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर

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  • Publish Date - September 24, 2020 / 04:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:53 PM IST

नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि बैंकों ने आपात कर्ज सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 44.2 लाख कारोबारी इकाइयों के लिये 1.77 लाख करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी है। कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के कारण खास तौर से प्रभावित सूक्ष्म, लघु एवं मझोले (एमएसएमई) के लिये इस योजना की घोषणा की गयी थी।

हालांकि, मंजूर किये गये कर्ज में से 21 सितंबर तक 25.74 लाख एमएसएमई इकाइयों को 1,25,425 करोड़ रुपये की राशि आबंटित की गयी।

यह योजना लगभग 21 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज का हिस्सा है। वित्त मंत्री ने कोविड-19 संकट से प्रभावित एमएसएमई समेत विभिन्न क्षेत्रों की सहायता के लिये इस पैकेज की घोषणा की थी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों ने 21 सितंबर तक 100 प्रतिशत आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना के तहत एमएसएमई और व्यक्तियों को 1,77,353 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी। इनमें से 1,25,425 करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं।’’

योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के 12, निजी क्षेत्र के 24 बैंकों और 31 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने ऋण की मंजूरी दी और वितरित किये।

सरकार ने समय समय पर इस योजना का दायरा बढ़ाया है। इसमें 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले एमएसएमई को शामिल किया गया। वहीं अगस्त में व्यावसायिक उद्देश्य के लिये कर्ज लेने वाले व्यक्तिगत लोगों को भी इसके दायरे में लाया गया। डॉक्टर, वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे पेशेवरों को व्यावसायिक कार्यों के लिये कर्ज दिया गया।

मंत्रालय के अनुसार 21 सितंबर, 2020 तक 2.8 लाख लोगों के लिये 9,849 करोड़ रुपये कर्ज मंजूर किये गये। इसमें से 49,393 पेशेवरों को 2,617.08 करोड़ रुपये वितरित किये गये।

सीतारमण ने कहा कि तीन सितंबर, 2020 की तुलना में मंजूर किये गये कर्ज में 16,335.32 करोड़ रुपये और वितरण में 11,711.85 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है।

कुल मंजूर किये गये कर्जों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी बढ़कर 79,347.73 करोड़ रुपये हो गयी। इसमें से 65,051.89 करोड़ रुपये 21 सितंबर तक वितरित किये जा चुके हैं।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर