रुपया 15 पैसे की बढ़त के साथ 87.73 प्रति डॉलर पर

रुपया 15 पैसे की बढ़त के साथ 87.73 प्रति डॉलर पर

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  • Publish Date - August 6, 2025 / 04:25 PM IST,
    Updated On - August 6, 2025 / 04:25 PM IST

मुंबई, छह अगस्त (भाषा) अमेरिकी डॉलर में उतार-चढ़ाव और भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो दर को स्थिर रखने के फैसले से रुपया बुधवार को रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरकर 15 पैसे की बढ़त के साथ 87.73 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों, नकारात्मक घरेलू शेयर बाजार और भारत पर अमेरिकी शुल्क को लेकर अनिश्चितताओं ने स्थानीय मुद्रा के लाभ को सीमित किया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.72 पर खुला। दिन में 87.63 से 87.80 प्रति डॉलर के दायरे में घट-बढ़ के बाद अंत में यह 87.73 (अस्थायी) पर बंद हुआ जो पिछले भाव से 15 पैसे की बढ़त है।

रुपया मंगलवार को अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया और 22 पैसे की गिरावट के साथ 87.88 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 98.79 पर पहुंच गया।

घरेलू शेयर बाजारों में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 166.26 अंक की गिरावट के साथ 80,543.99 अंक पर जबकि निफ्टी 75.35 अंक फिसलकर 24,574.20 अंक पर बंद हुआ।

अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 1.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 68.62 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 22.48 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

भारतीय रिजर्व बैंक ने अमेरिकी शुल्क को लेकर अनिश्चितता के बीच बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया।

नीति निर्माता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों से उत्पन्न जोखिमों और उच्च शुल्क की आशंका से जुड़ी अनिश्चितताओं का फिलहाल आकलन कर रहे हैं।

आरबीआई ने साथ ही चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर 3.1 प्रतिशत कर दिया है जबकि जून में इसके 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।

भाषा निहारिका अजय

अजय