एसएफआईओ ने इंडसइंड बैंक में 1,960 करोड़ रुपये की लेखांकन विसंगतियों की जांच शुरू की

एसएफआईओ ने इंडसइंड बैंक में 1,960 करोड़ रुपये की लेखांकन विसंगतियों की जांच शुरू की

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  • Publish Date - December 24, 2025 / 07:10 PM IST,
    Updated On - December 24, 2025 / 07:10 PM IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) सफेदपोश अपराधों की जांच करने वाली एजेंसी गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव सौदों में लेखांकन संबंधी गड़बड़ियों की जांच शुरू कर दी है। इससे बैंक को 1,960 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ है।

बैंक ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘…बैंक को एसएफआईओ से 23 दिसंबर, 2025 को एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 212 के तहत इंडसइंड बैंक लि. के मामलों की जांच के संबंध में प्रासंगिक जानकारी मांगी गई है।’’

कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 212 केंद्र सरकार को गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय को जटिल कंपनी धोखाधड़ी जांच सौंपने का अधिकार देती है। इससे रिपोर्टों, विशेष प्रस्तावों, जनहित या सरकारी अनुरोधों के आधार पर जांच की जा सकती है और एसएफआईओ को वित्तीय गड़बड़ी की जांच करने के लिए व्यापक शक्तियां प्राप्त होती हैं।

बैंक ने 18 दिसंबर को कहा था कि वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों में धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर आरबीआई के 15 जुलाई, 2024 के मास्टर दिशानिर्देशों में यह अनिवार्य किया गया है कि आरबीआई को रिपोर्ट की गई एक करोड़ रुपये या उससे अधिक की राशि से संबंधित किसी भी धोखाधड़ी की रिपोर्ट कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत एसएफआईओ को भी दी जानी चाहिए।

इसके मुताबिक, बैंक ने कहा कि आंतरिक डेरिवेटिव कारोबार के लेखांकन, बैंक के ‘अन्य परिसंपत्तियों’ और ‘अन्य देनदारियों’ खातों में कुछ अप्रमाणित शेष राशियों और छोटी राशि के कर्ज (माइक्रोफाइनेंस) पर ब्याज आय/शुल्क आय से संबंधित मामलों की रिपोर्ट दो जून, 2025 को एसएफआईओ को दी गई थी।

बाह्य लेखा परीक्षक ने अप्रैल में डेरिवेटिव पोर्टफोलियो (वायदा एवं विकल्प कारोबार) में लेखांकन संबंधी विसंगतियों के कारण 31 मार्च, 2025 तक लाभ और हानि पर संचयी प्रतिकूल लेखांकन प्रभाव 1,959.98 करोड़ रुपये बताया था।

इंडसइंड बैंक ने 15 अप्रैल को एक अन्य बाहरी एजेंसी की रिपोर्ट का खुलासा किया। इसमें कहा गया था कि डेरिवेटिव कारोबार में लेखांकन चूक के कारण इसकी शुद्ध संपत्ति पर 1,979 करोड़ रुपये का नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

बैंक ने डेरिवेटिव सौदों से संबंधित विसंगतियों के कारण दिसंबर, 2024 तक अपनी शुद्ध संपत्ति पर (कर-पश्चात आधार पर) 2.27 प्रतिशत का प्रतिकूल प्रभाव आंका है।

निजी क्षेत्र के बैंक ने पिछले महीने डेरिवेटिव सौदों में लेखांकन संबंधी गड़बड़ियों की सूचना दी। इसका अनुमान है कि दिसंबर, 2024 तक बैंक की कुल संपत्ति पर लगभग 2.35 प्रतिशत का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

भाषा रमण अजय

अजय