Silver Hallmarking in India || Image- BSI File
Silver Hallmarking in India: मुंबई: भारत देश सोने और चांदी का बड़ा उपभोक्ता है ऐसे में यहां दोनों ही धातुओं की शुद्धता की अनदेखी नहीं की जा सकती। सोने की शुद्धता और वैधता के मद्देनजर पूरे देश में हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया था तो वही अब ऐसा ही फैसला सिल्वर यानी चांदी को लेकर किया गया है। यानी अब चांदी के आभूषणों में भी हॉलमार्किंग होगी। हालांकि इसे अनिवार्य नहीं किया गया है, लेकिन इस नए फैसले से चांदी की शुद्धता और वैधता को मापा जा सकेगा।
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दरअसल भारतीय मानक ब्यूरो यानि कि BIS ने चांदी की शुद्धता के लिए छह पैमाने तय किए हैं, पहला है 800, फिर 835, 900, 925, 970 और 990 यानि कि अब बाजार में बिकने वाली चांदी की ज्वेलरी इन्हीं कैटेगरी में हॉलमार्क करके बेची जाएगी। 1 सितंबर 2025 से चांदी की ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग का नया नियम लागू हो गया है। हालांकि शुरुआत में यह नियम अनिवार्य नहीं बल्कि वॉलंटरी रहेगा। यानि कि ग्राहक अपनी इच्छा से हॉलमार्क या फिर बिना हॉलमार्क वाली ज्वेलरी खरीद सकते हैं।
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Silver Hallmarking in India: बता दें कि, हॉलमार्किंग से ग्राहक को यह भरोसा रहता है कि जिस गहने की शुद्धता के लिए वह पैसा चुका रहा है, वह वास्तव में उतना ही शुद्ध है। अभी तक कई बार देखा गया है कि बाजार में मिलावटी या कम शुद्धता वाली चांदी ऊंचे दामों पर बेच दी जाती है। नया नियम लागू हो जाने के बाद से ऐसी गड़बड़ियों पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकेगी।
Silver hallmarking in India has been revised to further enhance trust and transparency.
With effect from 1st September 2025, only the new scheme will be applicable.@jagograhakjago @ChitraBIS #Hallmark #Silver#IndianStandards #BIS #SilverJewellery pic.twitter.com/83DuVDd0pI
— Bureau of Indian Standards (@IndianStandards) August 28, 2025