स्पाइसजेट मामले में कलानिधि मारन के पक्ष में फैसला बरकरार

स्पाइसजेट मामले में कलानिधि मारन के पक्ष में फैसला बरकरार

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  • Publish Date - July 31, 2023 / 10:22 PM IST,
    Updated On - July 31, 2023 / 10:22 PM IST

नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मीडिया उद्यमी कलानिधि मारन को 579 करोड़ रुपये ब्याज के साथ लौटाने के लिए स्पाइसजेट एयरलाइन के प्रवर्तक अजय सिंह को दिए गए मध्यस्थता न्यायाधिकरण के निर्णय के आदेश में दखल देने से सोमवार को इनकार कर दिया।

इसके साथ ही न्यायालय ने मध्यस्थता पंचाट के 20 जुलाई, 2018 को दिए गए निर्णय को सही ठहराया। पंचाट ने मारन और उनकी कंपनी काल एयरवेज के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस फैसले को अजय सिंह ने चुनौती दी थी।

न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने 82 पृष्ठों के अपने आदेश में कहा, ‘संबंधित आदेश में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे ऐसा लगे कि इसमें कुछ गैरकानूनी है। याची यह साबित कर पाने में नाकाम रहे हैं कि मध्यस्थता निर्णय साफ तौर पर गैरकानूनी है और कानून की बुनियादी नीति के खिलाफ है।’

यह मामला जनवरी, 2015 से संबंधित है जब सिंह ने मारन से बंद हो चुकी एयरलाइन को दोबारा खरीदा था। मारन के सन नेटवर्क और उनकी निवेश इकाई काल एयरवेज ने स्पाइसजेट में अपनी 58.46 प्रतिशत हिस्सेदारी सिंह को बेची थी। इस सौदे से संबंधित लेनदेन विवादों में आने पर मामला मध्यस्थता में चला गया था।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण