श्रीनगर-द्रास-कारगिल-खलासी-लेह ट्रांसमिशन प्रणाली पीजीसीआईएल को स्थांतरित की गई

श्रीनगर-द्रास-कारगिल-खलासी-लेह ट्रांसमिशन प्रणाली पीजीसीआईएल को स्थांतरित की गई

  •  
  • Publish Date - May 28, 2021 / 01:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:52 PM IST

नयी दिल्ली 28 मई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पावर ग्रिड कॉपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार ने 220 किलोवॉट वाली श्रीनगर-द्रास-कारगिल-खलत्सी-लेह ट्रांसमिशन प्रणाली को उसे स्थांतरित कर दिया।

पीजीसीआईएल ने एक बयान में कहा, ‘‘ऊर्जा मंत्रालय ने प्रतिष्ठित 220किलोवॉट के श्रीनगर-द्रास-कारगिल-खलत्सी-लेह ट्रांसमिशन प्रणाली को पीजीसीआईएल को स्थांतरित कर दिया है। यह ट्रांसमिशन प्रणाली प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने फरवरी 2019 में देश को समर्पित की थी, जो लद्दाख को बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए क्षेत्र को राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ता है।’’

उसने बताया कि लगभग 3000-4000 मीटर की ऊंचाई पर बने 335 किलोमीटर लंबे इस ट्रांसमिशन की तारे बर्फीले पहाड़ों से गुजरती है। इस परियोजना को पीजीसीआईएल द्वारा प्रधान मंत्री पुनर्निर्माण योजना (पीएमआरपी) योजना के तहत परामर्श के आधार पर निष्पादित किया गया था।

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील करने के बाद 220 किलोवॉट वाली श्रीनगर-लेह ट्रांसमिशन प्रणाली को अक्टूबर 2019 से अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) के रूप में नामित कर दिया गया था और इसे पीजीसीआईएल को स्थांतरित कर दिया गया था।

भाषा जतिन मनोहर

मनोहर