(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को शिक्षकों एवं छात्रों से स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाने और ‘मेक इन इंडिया’ एवं ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल को तेज करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार विजेताओं के साथ संवाद में कहा कि स्कूलों को स्वदेशी दिवस या स्वदेशी सप्ताह जैसे कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको स्वदेशी उत्पादों के प्रोत्साहन के लिए अभियान चलाने का एक गृहकार्य दे सकता हूं। छात्रों को घर से स्वदेशी उत्पाद लेकर आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए और फिर उन पर चर्चा हो। छात्र स्वदेशी उत्पादों के समर्थन वाले पोस्टर लेकर गांवों में मार्च भी निकाल सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों से एक माहौल बनेगा और लोग ‘मेड इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ उत्पादों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित होंगे।
उन्होंने प्रत्येक घर और दुकान के बाहर स्वदेशी उत्पादों की मौजूदगी वाले पोस्टर लगाने के सुझाव भी दिए।
मोदी ने कहा, “हर घर और दुकान के बाहर ‘हर घर स्वदेशी’ के बोर्ड लगाए जाने चाहिए। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुधारों की शृंखला थमने वाली नहीं है।”
उन्होंने जीएसटी ढांचे में किए गए व्यापक सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि जीएसटी 2.0 राष्ट्र के लिए समर्थन और वृद्धि की ‘दोहरी खुराक’ है और 21वीं सदी में भारत की प्रगति को ध्यान में रखकर अगली पीढ़ी के ये सुधार किए गए हैं।
उनकी यह टिप्पणी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में व्यापक पुनर्गठन किए जाने के एक दिन बाद आई है। जीएसटी परिषद ने बुधवार को अप्रत्यक्ष कर के सिर्फ दो स्लैब ही रखने और रोजमर्रा के उत्पादों को पांच प्रतिशत कर दायरे में रखने का फैसला किया।
भाषा प्रेम
प्रेम अजय
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