टाटा ने कुप्रबंधन के आरोपों को खारिज किया, न्यायालय में कहा-एसपी समूह का मूल्यांकन बढ़ा

टाटा ने कुप्रबंधन के आरोपों को खारिज किया, न्यायालय में कहा-एसपी समूह का मूल्यांकन बढ़ा

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  • Publish Date - December 9, 2020 / 05:24 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) टाटा समूह ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में टाटा संस में कुप्रबंधन के आरोपों पर आपत्ति जताते हुए अपने पक्ष में शापूरजी पालोनजी (एसपी) ग्रुप के दावों का ही हवाला दिया। टाटा ने कहा कि शापूरजी पालोनजी समूह ने खुद यह कहा है कि कंपनी में उनकी 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी का मूल्य 2016 में 58,000 करोड़ रुपये था, जो 2020 में 1.75 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

टाटा की कंपनियों ने शीर्ष अदालत को बताया कि जब तक कि नुकसान इतना अधिक नहीं ओता ओर ईमानदारी की इतनी कमी होती , जिसके चलते कंपनी के बहुलांश शेयरधारकों को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता, तो राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) उस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाता जिसमें साइरस मिस्त्री को कार्यकारी चेयरमैन रूप में बहाल करना भी शामिल है।

टाटा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए एस बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना तथा न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ से कहा कि शीर्ष अदालत में निचली अदालत के फैसले की समीक्षा के लिए जो ‘ दूसरी ओर से अपील’ दायर की गई है, उसमें एसपी समूह ने दावा किया है कि उनके शेयरों का मूल्य 1.5 लाख करोड़ रुपये है।

उन्होंने कहा कि मिस्त्री पक्ष की ओर से जो आवेदन दाखिल किया गया है कि उसमें कहा गया है कि टाटा की डाउनस्ट्रीम कंपनियों में उनके शेयरों का मूल्य 1.75 लाख करोड़ रुपये है।

साल्वे ने कहा, ‘‘यदि उनके दावे को माना जाए, तो यह हैरान करने वाली बात है कि एक कुप्रबंधन वाली कंपनी में उनका जो मूल्यांकन 2016 में 58,000 करोड़ रुपये था, वह 2020 में 1.75 लाख करोड़ रुपये हो गया।

पीठ एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ टाटा संस और साइरस इन्वेस्टमेंट्स की ‘ प्रतिपक्षी अपीलों’ की सुनवाई कर रही है। एनसीएलएटी ने साइरस मिस्त्री को 100 अरब डॉलर से अधिक के टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था।

साल्वे ने कारोबारी सी शिवशंकर को अनुचित लाभ देने के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि ये सभी लेनदेन शुद्ध रूप से व्यावसायिक थे और इनमें सत्यनिष्ठा का अभाव नहीं था।

शिवशंकरन को टाटा टेलीसर्विसेज की ओर से अनुबंध मिले थे। बुधवार को इस मामले पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी।

आगे की सुनवाई बृहस्पतिवार को होगी।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर