ट्राई ने कम डेटा खपत वाली ऐप को सैटेलाइट सेवाओं पर नियम बनाने को टिप्पणियां मांगीं

ट्राई ने कम डेटा खपत वाली ऐप को सैटेलाइट सेवाओं पर नियम बनाने को टिप्पणियां मांगीं

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  • Publish Date - March 12, 2021 / 01:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:01 PM IST

नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कम डेटा खपत वाली ऐप के लिए सैटेलाइट सेवाओं के नियम बनाने को सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।

नियामक ‘लो बिट रेट’ ऐप के लिए सैटेलाइट आधारित कनेक्टिविटी को लाइसेंसिस नियम बनाने की तैयारी कर रहा है। लो बिट रेट ऐप सेंसर आधारित एप्लिकेशंस होते हैं, जिनका इस्तेमाल एटीएम, यातायात प्रबंधन, वाहन निगरानी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरणों आदि में होता है।

दूरसंचार विभाग ने इससे पहले 23 नवंबर, 2020 को वाणिज्यिक और खुद के इस्तेमाल के लिए सैटेलाइट आधारित कम बिट रेट वाली एप्लिकेशंस के लिए नियम बनाने के बारे में पूछा था। इसके बाद ट्राई ने इस बारे में परिचर्चा पत्र जारी किया है।

दूरसंचार विभाग का कहना है कि इस तरह की सेवाओं के लिए एक उचित लाइसेंसिंग ढांचे की जरूरत है। इसमें वाणिज्यक और खुद के इस्तेमाल वाली ऐप शामिल है।

ट्राई ने बताया कि दूरसंचार विभाग ने उसे इस बारे में सभी पहलुओं पर विस्तार से विचार को कहा है। साथ ही नियामक से दूरसंचार विभाग के लाइसेंसिंग ढांचे के तहत अनुकूल प्रावधान का सुझाव देने या नयी लाइसेंसिंग व्यवस्था की सिफारिश करने को कहा है।

दूरसंचार विभाग ने इस विषय में प्रवेश शुल्क, लाइसेंस शुल्क, बैंक गारंटी, स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क आदि के बारे में सुझाव मांगे हैं।

ट्राई ने कहा कि कम बिट दर वाली एप्लिकेशंस के लिए सैटेलाइट कनेक्टिविटी की मदद से ऐसे स्मार्ट शहर बनाने में मदद मिल सकती है जहां क्षेत्रीय नेटवर्क उपलब्ध नहीं है।

भारत आईपीवी 6 फोरम के चेयरमैन एस एन गुप्ता ने कहा, ‘‘इन सेवाओं का इस्तेमाल सेंसर आधारित एप्लिकेशंस मसलन आईओटी उपकरणों, वाहन निगरानी, एटीएम, रेलवे सिग्नल और सिक्योरिटी अलार्म आदि में हो सकता है।

ट्राई ने इस विषय पर टिप्पणियां देने की अंतिम तिथि नौ अप्रैल तय की है। उसके बाद 23 अप्रैल तक जवाबी टिप्पणियां दी जा सकती हैं।

भाषा अजय

अजय मनोहर

मनोहर