IBC24 Mind Summit: रायपुर। छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर आज मध्य भारत का सबसे बड़ा और विश्वसनीय न्यूज चैनल आईबीसी 24 छत्तीसगढ़ सरकार को ‘माइंड समिट’ के तौर पर मंच प्रदान कर रहा है। इस समिट में हम छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रियों से जहां उनके दो साल के अनुभव पर चर्चा कर रहे हैं, तो वहीं आने वाले तीन सालों के लिए विकास और जनकल्याण के रोडमैप को भी जानने की कोशिश कर रहे हैं।
इस दौरान आईबीसी24 के मंच पर आज उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सरकार की दो साल की उपलब्धियां बताई और कई सवालों के जवाब भी दिए।
जब गृहमंत्री विजय शर्मा से यह पूछा गया कि विपक्षी आपके ऊपर आरोप भी लगाते हैं कि इनको एक्चुअली बस्तर का औद्योगीकरण करना है, क्योंकि देखिए लड़ाई किसकी थी? जल जंगल और जमीन वाली बात थी, क्या इनका जमीन छीन ली जाएगी? वो आरोप लगाते हैं कि इनकी पूरी निगाह बस्तर की जमीन पर है। वहां पर जो रिसोर्सेज हैं उसके ऊपर है। तो यह सारा खेल उसका है।
IBC24 Mind Summit: इस पर विजय शर्मा ने कहा कि विपक्ष के लोगों को झीरम याद नहीं है? झीरम में जो कुछ हुआ था ये फिर उनको सही ठहरा रहे हैं। क्या बस्तर में एनएमडीसी काम नहीं कर रहा है? अभी बस्तर के लघु वनुपजों पर आधारित अगर तंत्र खड़ा होता है तो इनको क्या आपत्ति है?
बस्तर का बच्चा 25 साल का बच्चा हमारी योजना के अंतर्गत रायपुर आता है, तो कहता है कि टीवी मैंने पहली बार देखा। आप इतने सुंदर स्टूडियो में इंटरव्यू कर रहे हैं। वो 25 साल का लड़का टीवी पहली बार देखा है। ऐसे ही छोड़ा जाए। कोई बता दे भाई दुनिया में मुझे इनको ऐसे ही छोड़ दिया जाए। सांस्कृतिक तौर पर वो बहुत आगे हैं हमसे। मैं बिल्कुल मानता हूं। मैंने प्रत्यक्ष देखा है, लेकिन स्पष्टता इस बात की है कि वहां पर जो मौलिक सुविधाएं हैं वो पहुंचना चाहिए। इसी का मसला है भारत का संविधान लागू होना चाहिए। जो काम ऑलरेडी एनएमडीसी कर ही रहा है भाई उत्खनन का काम अभी नहीं बहुत दिनों से कर रहा है और दूसरी कंपनियां काम कर ही रही हैं।
पूरे ही बस्तर में लघु वनुपजों का बड़ा काम है। उस पर हम आधारित काम कर रहे हैं। हम जनजन उसमें लघु अनुपज से जुड़ा हुआ है। लघु अनुपज हो। प्राइमरी उसका प्रोसेसिंग हो। प्राइमरी प्रोसेसिंग के बाद अच्छा दर इनको मिले। ये सब कुछ महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से हो। इसके लिए लॉजिस्टिक्स डेवलप हो, इसके लिए मार्केट डेवलप हो, इसके लिए काम कर रहे हैं। और समूचे बस्तर में इस महीने की 24 तारीख के बाद से ही 24 तारीख को बड़ा कार्यक्रम है। उसके बाद से पेसा भी पूरी ताकत के साथ लागू होगा।
लघु वनुपजों के पर आधारित बड़ा व्यवसाय बस्तर में प्रारंभ होगा। बस्तर में हमारे जो कैंप लगे हुए हैं आने वाले समय में वो लघु वनपजों के संग्रहण प्रसंस्करण और विपणन के केंद्र बनेंगे। हम वहीं स्कूल बनेंगे। वहीं हॉस्पिटल बन जाएंगे। वहीं सरकारी कार्यालय बन जाएंगे। ये जितने भी कैंप बने हुए हैं यही कन्वर्ट हो जाएंगे। 400 से अधिक कैंप हैं, अभी पूरे बस्तर में अभी और लगने वाले हैं। अभी 450 पहुंच जाएगा ये। हम तो यह सारे ही कैंप उसमें बन जाएंगे। कैंपों में बन जाएंगे। आने वाले समय में बहुत स्पष्टता इस बात की है कि बस्तर के युवा बस्तर संभालेंगे।