हम अनुचित कार्रवाई के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं, उनकी पूरी जांच करते हैं: अमेजन

हम अनुचित कार्रवाई के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं, उनकी पूरी जांच करते हैं: अमेजन

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  • Publish Date - September 20, 2021 / 06:17 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:38 PM IST

नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) अमेजन भारत में अपने कुछ कानूनी प्रतिनिधियों के खिलाफ रिश्वत संबंधी आरोपों की जांच कर रही है, इन खबरों के बीच अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी ने सोमवार को कहा कि वह अनुचित कार्यों के आरोपों को गंभीरता से लेती है और उचित कार्रवाई करने के लिए उनकी पूरी जांच करती है।

कंपनी ने आरोपों की पुष्टि या खंडन किए बिना कहा कि वह ‘भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करती है।’

‘द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट’ की एक खबर के अनुसार, अमेजन ने भारत सरकार के अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत देने के लिए अपने कुछ कानूनी प्रतिनिधियों के खिलाफ जांच शुरू की है। खबरों के मुताबिक इस संबंध में उसने अपने वरिष्ठ कॉरपोरेट वकील को छुट्टी पर भेज दिया।

संपर्क करने पर अमेजन के एक प्रवक्ता ने कहा: ‘हम भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते। हम अनुचित कार्यों के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं, उनकी पूरी जांच करते हैं और उचित कार्रवाई करते हैं। हम इस समय किसी खास आरोप या किसी भी जांच की स्थिति पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं।’

इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि अमेजन जैसी अमेरिकी कंपनियां ‘व्हिसलब्लोअर’ की शिकायतों को गंभीरता से लेती है। खासकर वे जो कारोबार को बनाए रखने या हासिल करने के लिए विदेशी सरकारी अधिकारियों को रिश्वत के भुगतान से संबंधित हैं। यह कॉरपोरेट प्रशासन नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए भी है।

इस बीच, व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने यह कहते हुए सीबीआई जांच की मांग की है कि मामला सरकार की विश्वसनीयता से जुड़ा है और सरकार के भीतर सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को दूर करने के दृष्टिकोण के खिलाफ है।

संगठन ने मामले में शामिल अधिकारियों के नाम सार्वजनिक करने और उनके खिलाफ अनुकरणीय कार्रवाई की भी मांग की।

कैट ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भी लिखा है।

संगठन ने साथ ही कहा कि वह इस मुद्दे की ‘निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच’ की मांग के लिए अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) के अध्यक्ष गैरी जेन्सलर के पास एक भी एक ज्ञापन भेज रहा है।

सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस बात की जांच करने की जरूरत है कि क्या कथित रिश्वत का ‘मौजूदा जांच से कोई संबंध है या वह अमेजन द्वारा कानून एवं नियमों के निरंतर उल्लंघन से जुड़ा है।’

उन्होंने कहा कि भारतीय ई-कॉमर्स बाजार और खुदरा व्यापार को अनुचित प्रभाव, वर्चस्व के दुरुपयोग और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत से बचाने के लिए इन कदमों की जरूरत है। ये अपराध भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम के तहत दंडनीय हैं।

घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब ई-कॉमर्स कंपनी कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं, विक्रेताओं के तरजीही व्यवहार आदि को लेकर निष्पक्ष व्यापार नियामक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच का सामना कर रही है।

इसके अलावा अमेजन का फ्यूचर ग्रुप के साथ कानूनी विवाद भी चल रहा है।

अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि. के बीच 24,713 करोड़ रुपये के प्रस्तावित सौदे को अदालत में चुनौती दी है और फ्यूचर ग्रुप को सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) में घसीटा है। उसका कहना है कि फ्यूचर ने उसकी प्रतिद्वंदी कंपनी रिलायंस के साथ समझौता कर उसके साथ पूर्व में किए गए एक करार का उल्लंघन किया है।

भाषा

प्रणव महाबीर

महाबीर