Government Bank Merger: देश में शेष बचेंगे 4 बैंक, खत्म होगी लाखों कर्मचारियों की नौकरी! आपको लाभ होगा या नुकसान ? जानें सब कुछ

Government Bank Merger: मिली जानकारी के अनुसार सरकारी बैंकों के मर्जर का प्लान तैयार हो रहा है। अगर सब योजना के अनुसार पूरा हुआ तो साल 2027 तक देश में 12 की जगह सिर्फ 4 सरकारी बैंक शेष रहेंगे।

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  • Publish Date - December 1, 2025 / 08:29 PM IST,
    Updated On - December 1, 2025 / 08:31 PM IST

Government Bank Merger, file image

HIGHLIGHTS
  • छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों में मिलाने की तैयारी
  • देश में 12 की जगह सिर्फ 4 सरकारी बैंक शेष रहेंगे
  • 27 से घटाकर 12 हुए थे सरकारी बैंक

Government Bank Merger: केंद्र सरकार के द्वारा बैंकों के विलय को लेकर तैयारी किए जाने की चर्चा है। मिली जानकारी के अनुसार सरकारी बैंकों के मर्जर का प्लान तैयार हो रहा है। अगर सब योजना के अनुसार पूरा हुआ तो साल 2027 तक देश में 12 की जगह सिर्फ 4 सरकारी बैंक शेष रहेंगे।

बताया जा रहा है कि छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों में मिलाने की तैयारी चल रही है। सरकार के प्लान के हिसाब से विलय पूरा होने पर देश में सिर्फ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और केनरा-यूनियन बैंक जैसे बड़े सरकारी बैंकों का नाम ही रह जाएगा।

क्यों किया जा रहा बैंकों का विलय ?

Government Bank Merger अब सरकारी बैंकों के विलय को लेकर लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ये क्यों किया जा रहा है? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मर्जर के फैसले के पीछे देश में एक ऐसा बैंकिंग सिस्टम बनाना है, जो न सिर्फ पैमाने में बड़ा हो, बल्कि ग्लोबल लेबल का हो, जो दुनिया के बैंकों के सामने खड़ा हो सके।

उन्हों ने कहा कि बड़ा बैंक होने से उसकी पूंजी मजबूत होगी, बैंक के क्रेडिट देने की क्षमता ज्यादा होगी। बैंकों का एनपीए कम होगा तो वो बढ़ती जरूरतों को पूरा कर सकेगी। सरकार भारत में वर्ल्ड क्लास बैंक बनाने की तैयारी में जुटी है। बैंकिंग इकोसिस्टम को मजबूत बनाने के लिए मर्जर की तैयारी की जा रही है।

किन-किन बैंकों का होगा मर्जर

जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार केनरा बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का मर्जर कर एक बैंक बना सकती है। इसी में इंडियन बैंक और यूको बैंक को भी इंटीग्रेट करने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI), बैंक ऑफ इंडिया (BOI) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOM) का विलय (Government Bank Merger) होगा। इन बैंकों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) में मर्ज किए जाने की उम्मीद है।

वहीं पंजाब एंड सिंध बैंक पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो इंडियन ओवरसीज बैंक को SBI या PNB में मर्ज किया जा सकता है। इसी तरह से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को PNB या BoB में विलय किया जा सकता है। बैंक ऑफ इंडिया को एसबीआई में मिलाया जा सकता है। इसी तरह से बैंक ऑफ महाराष्ट्र को PNB या BoB में मर्ज किया जा सकता है।

27 से घटाकर 12 हुए थे सरकारी बैंक

आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है, जब सरकारी बैंकों का विलय किया गया हो, इससे पहले 2017 से 2020 तक सरकार की ओर से बैंकों के विलय की कई धाराएं चली और सरकार ने बैंकों का विलय कर बड़े बैंक बनाए। इस फैसले से देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 27 से 12 रह गई और आगे ये घटकर सिर्फ 4 रह सकती है।

बैंकों के विलय की लिस्ट में इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक जैसे पब्लिक सेक्टर के छह छोटे बैंकों का नाम शामिल है। बता दें कि नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में छोटे बैंकों के निजीकरण या मर्जर का विकल्प दिया है।

बैंकों के विलय का क्या होगा असर?

कहा जा रहा है कि इन बैंकों के विलय से करोड़ों खाताधारकों और 2,29,800 कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। भले ही सरकार यह कह रही है कि कर्मचारियों की नौकरियां नहीं जाएंगी, लेकिन जब इन बैंकों का मर्जर होगा, तो निश्चित तौर पर कई शाखाएं बंद होगी। एक ही तरह के काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, प्रमोशन से लेकर सैलरी बढ़ोतरी पर असर होगा। कर्मचारियों को ट्रांसफर का दर्द झेलना पड़ सकता है।

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क्या वाकई देश में सिर्फ 4 सरकारी बैंक ही बचेंगे?

मीडिया रिपोर्ट्स और वित्त मंत्रालय की चर्चाओं के अनुसार, सरकार ऐसा बैंकिंग सिस्टम बनाना चाहती है जिसमें छोटे बैंकों को बड़े बैंकों में मिलाकर 2027 तक 4 बड़े सरकारी बैंक तैयार किए जाएँ। अंतिम फैसला अब तक आधिकारिक रूप से घोषित नहीं हुआ है, लेकिन तैयारी जारी है।

किन-किन बैंकों का मर्जर होने की संभावना है?

संभावित मर्जर लिस्ट में शामिल हैं: केनरा बैंक + यूनियन बैंक इंडियन बैंक + यूको बैंक IOB, CBI, BOI, BOM को SBI / PNB / BoB में मर्ज करने की संभावना पंजाब एंड सिंध बैंक पर अभी निर्णय लंबित है

बैंकों के मर्जर का मुख्य उद्देश्य क्या है?

सरकार का कहना है कि लक्ष्य है: बड़े और मजबूत बैंक तैयार करना पूंजी क्षमता बढ़ाना वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बैंकिंग सिस्टम बनाना बेहतर क्रेडिट उपलब्ध कराना एनपीए प्रबंधन को आसान बनाना

क्या कर्मचारियों की नौकरियां जाएंगी?

सरकार का दावा है कि नौकरी नहीं जाएगी, लेकिन संभावित प्रभाव: कई शाखाएँ बंद हो सकती हैं पदों पर ओवरलैप बढ़ेगा प्रमोशन और वेतन वृद्धि की गति धीमी हो सकती है कई कर्मचारियों को ट्रांसफर झेलना पड़ सकता है